Himachal Pradesh Public Service Commission: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (HPSSC) के बाद अब लोक सेवा आयोग भी कटघरे में खड़ा हुआ है. कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के भंग होने के बाद लोक सेवा आयोग शिमला की भर्ती प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. इसे लेकर दो अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) को शिकायत सौंपी है. 26 नवंबर 2022 को म्यूजिक विषय की लिखित परीक्षा में एक गैर हाजिर अभ्यर्थी के चयन के आरोप लगे हैं. गैर हाजिर अभ्यर्थी के आगे और पीछे बैठे दो अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री के पास मामले की शिकायत सौंपी है.
दोनों अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा में चयनित हुआ अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में गैर हाजिर था. बावजूद इसके गैर हाजिर अभ्यर्थी को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया और फिर उसका चयन भी हो गया. जानकारी के मुताबिक अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को शिकायत में बताया कि एग्जाम सुपरवाइजर ने गैर हाजिर अभ्यर्थी की सीट पर ओ.एम.आर. सीट रखी और फिर 15 मिनट बाद उसे वहां से हटा दिया. दोनों अभ्यर्थी यह देखकर हैरान थे कि लिखित परीक्षा में गैर हाजिर अभ्यर्थी का चयन कॉलेज कैडर के असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए हो गया है.
आयोग के पास अब तक कोई शिकायत नहीं
इस मामले को लेकर लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कहा है कि आयोग सभी परीक्षाओं को गंभीरता के साथ पूरा करता है. अब तक लोक सेवा आयोग के पास इस तरह की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. मामले की गहनता से जांच की जाएगी.
पेपर लीक मामले में भंग किया गया है कर्मचारी चयन आयोग
बीते दिनों सीएम सुक्खू ने JOA-IT पेपर भर्ती लीक मामले में हमीरपुर स्थित कर्मचारी चयन आयोग को भंग किया था. सीएम ने जांच के बाद कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने का फैसला लिया था. हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग के स्थान पर सभी भर्तियां लोक सेवा आयोग को पूरा करने के निर्देश जारी किए गए हैं. इस बीच लोक सेवा आयोग की भर्ती प्रक्रिया को लेकर शिकायत मिलने से सरकार की चिंताएं एक बार फिर बढ़ गई हैं.
ये भी पढ़ें- Himachal Politics: शिमला में 13 मार्च को राजभवन का घेराव करेगी कांग्रेस, यशवंत छाजटा ने केंद्र सरकार पर लगाए ये आरोप