Himachal Pradesh: कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के पोस्ट पर यूजर ने उठाए सवाल, जानिए क्या मिला तीखा जवाब
Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पोस्ट पर सवाल उठानेवाले यूुजर को करारा जवाब दिया है. पोस्ट पर यूजर की तरफ से अलग-अलग तरह के रिएक्शन आ रहे हैं.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह (PWD Minister Vikramaditya Singh) का पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 24 घंटे के भीतर पोस्ट को 8 हजार 400 से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं. 185 लोग पोस्ट को शेयर भी कर चुके हैं. यूजर्स की तरफ से कमेंट्स का सिलसिला जारी है. अब तक, 1 हजार 300 से ज्यादा कमेंट मिल चुके हैं. विक्रमादित्य सिंह की पोस्ट पर अलग-अलग तरह के रिएक्शन भी आ रहे हैं. लोगों की प्रतिक्रिया बंटी हुई है. यूजर्स के एक तबके ने कैबिनेट मंत्री की पहल का स्वागत किया है. दूसरे तबके ने पोस्ट पर निराशा भी जाहिर की है.
मंत्री विक्रमादित्य सिंह का पोस्ट हुआ वायरल
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पोस्ट में लिखा, "हमारा सभी से विनम्र निवेदन हमारे कार्यालय में कम से कम तबादलों की सिफारिश लेकर आएं. यह केवल समय और संसाधन की बर्बादी करवाता है. विकास संबंधी योजनाएं लानेवालों का हमारे कार्यालय में हार्दिक स्वागत है."
सवाल उठानेवाले यूजर को मिला करारा जवाब
पोस्ट सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा कि पिछली सरकार ने अपने लोगों को अहम पदों पर तैनात किया और अब जब उन्हें हटाने का समय आया है, तो यह बयान निराशाजनक है. साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने का काम नहीं करना चाहिए. यूजर को मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने जवाब देते हुए लिखा कि जनता ने उन्हें तबादला करने के लिए नहीं बल्कि प्रदेश की तरक्की के लिए चुना है. गौरतलब है कि शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश सचिवालय में अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रांसफर के लिए भारी भीड़ लगी रहती है.
समर्थक मंत्रियों के पास ट्रांसफर की आस लिए पहुंचते हैं. लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के दफ्तर के बाहर भी लोगों का तांता लगा रहता है. विक्रमादित्य सिंह ने एक महिला कर्मचारी को ट्रांसफर का काम न देकर विकास कार्य के बारे में बात करने का आग्रह किया था. अब देखना होगा कि लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह की पोस्ट के बाद लोग कितना समझ पाते हैं. प्रदेश भर में अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रांसफर एक नियमित प्रक्रिया है. साल के करीब हर दिन प्रक्रिया चलती रहती है. सत्ता परिवर्तन के साथ ट्रांसफर प्रक्रिया में तेजी देखने को मिलती है. व्यवस्था परिवर्तन का नारा बुलंद कर सत्ता में आई कांग्रेस ने फिलहाल ट्रांसफर कुछ हद तक कम कर दिया है.
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