Himachal Election Results 2022: भले ही देश-प्रदेश की राजनीति में परिवारवाद गहरी जड़ों तक फैला हो, लेकिन राजनीतिक आकांक्षाएं परिवार से भी कहीं ज्यादा बढ़कर होती हैं. हिमाचल प्रदेश की सोलन विधानसभा क्षेत्र में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. यहां मुकाबला ससुर-दामाद के बीच था.
3 हजार से ज्यादा वोटों से हराया
दरअसल, कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रिटायर्ड कर्नल धनीराम शांडिल और बीजेपी प्रत्याशी डॉ. राजेश कश्यप आमने-सामने थे. कांग्रेस प्रत्याशी ने अपने दामाद राजेश कश्यप को 3 हजार 858 वोटों से करारी शिकस्त दी. इससे पहले साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भी दोनों ससुर-दामाद आमने-सामने थे. हालांकि उस समय धनीराम शांडिल की जीत का अंतर केवल 671 वोट का था.
सियासी सर्जरी में नाकाम रहे डॉ. कश्यप
राजनीति में आने से पहले कांग्रेस प्रत्याशी रिटायर्ड कर्नल धनीराम शांडिल भारतीय सेना में बतौर आला अधिकारी सेवाएं दे चुके हैं. इसके साथ ही राजेश कश्यप भी बतौर चिकित्सक हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग अस्पतालों में सेवाएं देते रहे. राजनीति में आने से पहले उन्होंने सरकारी सेवा से त्यागपत्र दे दिया था. हालांकि चिकित्सा के क्षेत्र में कई सफल सर्जरी करने वाले राजेश कश्यप लगातार दूसरी बार सियासी सर्जरी करने में नाकाम रहे हैं.
ससुर-दामाद की वजह से हॉट सीट बनी सोलन
सोलन विधानसभा क्षेत्र में ससुर दामाद के सियासी रण में उतरने की वजह से यह सीट हॉट सीट बनी हुई थी. हालांकि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में दोनों ही प्रत्याशियों के बीच मुकाबला कांटे की टक्कर का माना जा रहा था, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी धनीराम शांडिल की एकतरफा जीत हुई. मतगणना के सभी 10 राउंड में शांडिल शुरू से आखिर तक लगातार लीड बनाए रहे.
पेश की सीएम पद की दावेदारी
बीजेपी समर्थक इस बार दामाद डॉ. राजेश कश्यप की जीत की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन डॉक्टर कश्यप जीत हासिल नहीं कर सके. सोलन विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल करने वाले धनीराम शांडिल मुख्यमंत्री पद को लेकर भी अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं. शांडिल ने वरिष्ठता के आधार पर मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी पेश की है. शांडिल वीरभद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं.
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