Himachal Lok Sabha Elections 2024: हिमाचल प्रदेश में सातवें और आखिरी चरण में लोकसभा के चुनाव है. हिमाचल प्रदेश में चार लोकसभा सीटों के साथ छह विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव भी है. इससे पहले कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में वार-पलटवार का सिलसिला देखने के लिए मिल रहा है.
अब हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बीजेपी पर निशाना साधा है. राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक संकट खड़ा करने की बीजेपी की साजिश पूरी तरह से नाकाम हो चुकी है और अब बीजेपी नेता बौखलाहट में हैं.
सत्ता के बिना मछली की तरह छटपटा रहे जयराम- नेगी
राजस्व मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जनता कांग्रेस सरकार की ताकत है. बीजेपी के पास धनबल होगा, लेकिन कांग्रेस के पास जनबल है और इसी के सहारे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी. यही नहीं, साल 2027 में जनता के विश्वास पर खरा उतरते हुए कांग्रेस पार्टी एक फिर सरकार बनाएगी.
उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर सत्ता के बिना मछली की तरह छटपटा रहे हैं और साल 2022 में मिले जनादेश को पचा नहीं पा रहे हैं. जो काम जनता के वोट से नहीं हो पाया, उसे बीजेपी ने धनबल से करने का प्रयास किया है, यह प्रयास अब असफल हो चुका है.
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अपनी कुर्सी की पेटी अच्छी तरह से बांध कर रखें, क्योंकि अभी उन्हें लंबे समय तक इसी कुर्सी पर बैठना पड़ेगा. जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश की जनता बिकाऊ राजनीति नहीं, बल्कि टिकाऊ राजनीति में विश्वास रखती है.
बीजेपी ने चुनी हुई सरकार गिराने की कोशिश की'
जगत सिंह नेगी ने कहा कि बीजेपी ने एक चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए अरबों रुपये का लेन-देन किया. बीजेपी ने विधायकों की खरीद-फरोख्त की, लेकिन बीजेपी की मंशा पूरी नहीं हो सकी. जगत सिंह नेगी ने कहा कि कांग्रेस के पास 40 विधायक थे और तीन निर्दलीय विधायक भी राज्य सरकार के साथ थे. फिर बीजेपी के पास ऐसी कौन की जादू की छड़ी थी कि तीन निर्दलीय विधायकों के अलावा कांग्रेस के छह विधायक बीजेपी के साथ जा मिले.
'बीजेपी का ऑपरेशन लोटस हुआ विफल'
जगत सिंह नेगी ने कहा कि राज्य सरकार के पास हॉर्स ट्रेडिंग के पुख्ता प्रमाण हैं. यह जयराम ठाकुर और बीजेपी का सत्ता लोभ ही था कि उन्होंने प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की. सरकार गिराने के षड्यंत्र में केंद्र सरकार ने भी बीजेपी का साथ दिया और केंद्रीय एजेसियों का दुरुपयोग किया. कांग्रेस के छह दागी विधायकों को केंद्र सरकार ने सुरक्षा दी, उन्हें चार्टर्ड प्लेन और हेलीकॉप्टरों की सैर कराई और महंगे फाइव स्टार होटलों में ठहराया. इसके बावजूद बीजेपी का ऑपरेशन लोटस फेल हो गया और बीजेपी के इरादे कामयाब नहीं हुए.
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