Himachal Pradesh News: मौजूदा दौर आधुनिकता का दौर है. आधुनिकता के इस युग में हर किसी को आरामदायक जीवन चाहिए. आरामदायक जीवन के लिए सबसे अहम गाड़ी को भी माना जाता है. हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे से पहाड़ी राज्य में ही करीब 23 लाख रजिस्टर्ड वाहन हैं. 75 लाख की जनसंख्या वाले छोटे से प्रदेश पर गाड़ियों का बोझ पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. चूंकि, सड़कों पर ज्यादा गाड़ी दौड़ रही हैं. ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ जाती है.


हिमाचल प्रदेश में बीते आठ सालों में 7 हजार 414 लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 34 हजार 754 लोग इसमें घायल भी हुए हैं. ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं में मानवीय गलती के चलते ही हादसे से पेश आए हैं. प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं सरकार और परिवहन विभाग के लिए भी चिंता का विषय हैं. सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए विभाग की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. साथ ही लोगों से सख्ती से नियमों का पालन करने की भी अपील की जा रही है.


हिमाचल में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े


साल 2016 में 3 हजार 168 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. इनमें 1 हजार 271 की मौत हुई, जबकि 5 हजार 764 लोग घायल हुए. साल 2017 में 3 हजार 114 सड़क दुर्घटनाओं में 1 हजार 203 लोगों की मौत और 5 हजार 452 लोग घायल हुए. साल 2018 में 3 हजार 110 सड़क दुर्घटनाओं में 1 हजार 208 मौत के साथ 5 हजार 551 लोग घायल हुए. साल 2019 में 2 हजार 873 सड़क दुर्घटनाओं में 1 हजार 147 मौतें हुईं, जबकि 4 हजार 903 लोग घायल हुए. साल 2020 में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा 2 हजार 239 तक पहुंचा. इनमें 893 लोगों की मौत हुई, जबकि 3 हजार 323 लोग घायल हुए.


साल 2023 में अब तक दुर्घटनाओं में आई कमी


साल 2021 में 2 हजार 404 सड़क दुर्घटनाओं में 1 हजार 052 लोगों की मौत और 3 हजार 454 लोगों के घायल होने की घायल हुए. गौरतलब कि साल 2020 और साल 2021 में देशभर में कोरोना के चलते लॉकडाउन भी लगाया गया था. इसी तरह साल 2022 में 2 हजार 597 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. इनमें 1 हजार 032 लोगों की मौत हुई, जबकि 4 हजार 063 लोग घायल हुए. साल 2023 में जनवरी से लेकर 31 अगस्त तक 1 हजार 399 सड़क दुर्घटनाएं हुई. इनमें 660 लोगों की मौत हुई, जबकि 2 हजार 344 लोग घायल हो गए.


एक्शन मोड में है परिवहन विभाग


परिवहन विभाग के निदेशक अनुपम कश्यप ने प्रदेश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि बीते साल के मुकाबले इस साल सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है. सरकार के आदेशों पर विभाग लगातार एक्शन मोड में काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि सड़क पर गाड़ी चला रहे लोगों को जागरूकता अभियान के जरिए नियमों का पालन करने के लिए कहा जा रहा है. इसके अलावा जिला स्तर पर भी कमेटी बनाई गई है, जो नियमों का पालन सुनिश्चित करवाती हैं.


इसके अलावा प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में ब्लैक स्पॉट भी आइडेंटिफाई जा रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि गाड़ी चलाते वक्त नियमों का पालन करें. इसके अलावा गाड़ी की सीट से हेड रेस्ट न निकालें. हेड रेस्ट निकालने की वजह से हादसे के दौरान चोट और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने गाड़ी के सन रूफ से भी बाहर निकलते हैं. यह भी गलत है. ऐसा करना जानलेवा साबित हो सकता है.


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