Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में सियासी संकट अभी टला नहीं है. सरकार के मंत्रियों की दिल्ली और चंडीगढ़ दौड़ अब भी जारी है. प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह बीते दिनों अपने वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के लिए दो गज भूमि की मांग करते हुए भावुक हो गए थे. अब उन्हीं की तरह मांग सरकार में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने भी किया है. रोहित ठाकुर के दादा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं.
प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार के सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने के बाद रामलाल ठाकुर ने ही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर कमान संभाली थी. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का कहना है कि रिज पर पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के प्रतिमा के साथ उनके दादा और प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत ठाकुर राम लाल की प्रतिमा भी स्थापित की जानी चाहिए. ठाकुर राम लाल नौ बार हिमाचल में विधायक बने और तीन बार उन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाला. इसके अलावा वह आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे.
प्रतिमा लगाने का मापदंड हो एक समान
रोहित ठाकुर ने कहा कि उनका राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा. जिस तरह दूसरे मुख्यमंत्रियों ने हिमाचल प्रदेश में विकास को आगे बढ़ाया, उसी तरह ठाकुर राम लाल ने भी हिमाचल के विकास को आगे बढ़ाने का काम किया. ऐसे में प्रतिमा लगाने का मापदंड एक ही होना चाहिए. उन्होंने अपने दादा वीरभद्र सिंह के साथ प्रतिमा स्थापित करने की मांग उठाई है.
कभी चुनाव नहीं हारे राम लाल ठकुर
हिमाचल निर्माता और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे डॉ. यशवंत सिंह परमार के सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने के बाद 28 जून 1977 को रामलाल ठाकुर ने मुख्यमंत्री का पद संभाला. वह 30 अप्रैल 1977 तक मुख्यमंत्री रहे. इसके बाद 14 फरवरी 1980 को हुए दूसरी बार मुख्यमंत्री बने और साल 1982 में वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बने. 7 अप्रैल 1983 तक वे इस पद पर रहे.
ठाकुर राम लाल साल 1957, साल 1962, साल 1967, साल 1977, साल 1980, साल 1982, साल 1990, साल 1993 और साल 1998 में शिमला जिला के जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए. 6 जुलाई 2002 को उनका शिमला में निधन हो गया. वे अपने जीवन में कभी कोई चुनाव नहीं हारे. मौजूदा वक्त में उनके पोते और सरकार में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी जुब्बल कोटखाई से ही विधायक हैं.
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