Himachal news: हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश भर में रोप-वे और त्वरित परिवहन का विकास करने की ओर खास ध्यान दे रही है. प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर रूप में विकसित करने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने परिवहन विकास निगम के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि माता चिंतपूर्णी और बाबा बालक नाथ मंदिर को रोप-वे से जोड़ने के लिए संभावनाएं तलाशी जा रही है. प्रदेश के सभी बड़े मंदिरों में व्यवस्थाएं सुधारने की भी बात कही गई है. उप मुख्यमंत्री ने रोप-वे एवं त्वरित परिवहन विकास निगम के कार्यों अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उन्हें संभावनाएं तलाशने के निर्देश जारी किए हैं.
हर जिले में एक रोप-वे स्थापित करने की योजना
हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि शिमला रोप-वे परियोजना विश्व की अपनी तरह की दूसरी और भारत की पहली परियोजना है. आरटीडीसी को आने वाले पांच सालों में हर जिले में कम से कम एक रोप-वे विकसित करने के लिए कहा गया है. पहाड़ी इलाकों में एक किलोमीटर रोप-वे लगभग 5-6 किलोमीटर तक की दूरी के बराबर होता है. सरकार की पर्यावरण के अनुकूल, स्वच्छ और हरित परिवहन के साधन को बड़े पैमाने पर लागू करने की योजना है.
धर्मशाला-मनाली के लिए रोप-वे परियोजना होंगी विकसित
हिमाचल प्रदेश में आरटीडीसी ने इस परियोजना के लिए जमीनी स्तर पर काम भी शुरू कर दिया है. इस परियोजना में 1546.40 करोड़ रुपए की लागत के साथ 15 स्टेशन बनाए जाएंगे. इस रोप-वे की लंबाई 14.69 किलोमीटर होगी. सरकार धर्मशाला और मनाली के लिए भी इसी तरह रोप-वे परियोजनाओं को विकसित करने की योजना बना रही है. हिमाचल में अभी कांग्रेस की नवनिर्वाचित सरकार का गठन हुआ है. हिमाचल साल के 12 महीनें पर्यटकों से घिरा रहता है या फिर यूं कहे कि हिमाचल के शहर और यहां की खूबसूरती पर्यटकों की खास पसंद है. पर्यटकों की सुविधाओं को देखते हुए ही अब हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रोप-वे निर्माण और परिवहन पर विशेष ध्यान देने के लिए अधिकारियों की बैठक ली है.
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