शिमला में BJYM का अनोखा प्रदर्शन, समोसा मार्च निकाल कर CM सुक्खू को कोसा
Himachal Samosa Controversy: शिमला में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने अनोखा मार्च निकाला. इसे 'समोसा मार्च' का नाम दिया गया. अब यह देशभर में चर्चा का विषय बन गया है.
Samosa Controversy in Himachal Pradesh: देशभर में समोसे के स्वाद को पसंद करने वाले लोगों की संख्या करोड़ों में है. खासतौर पर लोग चाय के साथ और पार्टी में समोसा खूब शौक के साथ खाते हैं. लोगों में समोसे को लेकर खूब दीवानगी है, लेकिन समोसे के लिए इससे भी ज्यादा दीवानगी हिमाचल प्रदेश में सियासतदानों के बीच नजर आ रही है.
शिमला में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने शनिवार को एक अनोखा मार्च निकाला. इस मार्च को 'समोसा मार्च' का नाम दिया गया है. अब देश भर में इस अनोखे मार्च की चर्चा हो रही है. दरअसल, भारतीय जनता युवा मोर्चा ने यह अनोखा समोसा मार्च मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार को घेरने के लिए निकाला.
क्यों निकाला गया समोसा मार्च?
भारतीय जनता युवा मोर्चा के हिमाचल इकाई के अध्यक्ष तिलक राज ने कहा कि आज देश भर में हिमाचल प्रदेश के समोसे को लेकर चर्चा हो रही है. छोटे से पहाड़ राज्य हिमाचल में कई गंभीर मुद्दे हैं, लेकिन राज्य की सीआईडी मुख्यमंत्री के समोसे गुम होने की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि आज राज्य की स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हो चुकी है. राज्य का हर वर्ग परेशान हो रहा है.
राज्य में खूब भ्रष्टाचार और को संरक्षण मिल रहा है, लेकिन सीआईडी इस सब इन सब गंभीर मुद्दों को छोड़कर समोसे के गायब होने की जांच कर रही है. सबसे बड़ा दुर्भाग्य तो यह है कि कांग्रेस के नेता इसे भारतीय जनता पार्टी की राजनीति करार दे रहे हैं, जबकि यह मुद्दा भाजपा ने नहीं लाया बल्कि खुद ही सीआईडी की अनोखी जांच से सामने आया है. आम लोग CID की रिपोर्ट पढ़कर अपनी हंसी नहीं रोक पा रहे और साथ ही अपने राज्य के भाग्य को भी कोस रहे हैं.
आम लोग सोच रहे हैं कि आखिर राज्य में यह कैसी सरकार आ गई है, जिसे जनता के मुद्दे छोड़ समोसे की चिंता है. तिलक राज ने कहा कि राज्य सरकार को और राज्य की सीआईडी को प्रदेश के गंभीर विषयों पर ध्यान देने की जरूरत है, न कि समोसे पर.
क्या है पूरा मामला?
हिमाचल सीआईडी ने एक अनोखी जांच की, जिसकी रिपोर्ट गुरुवार शाम लीक हो गई. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कार्यक्रम के लिए शिमला में एक निजी होटल से मंगवाए गए स्नैक्स सीआईडी ने किसी और को ही परोस डाले. 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री के लिए एक बड़े नामी होटल से समोसे और केक मंगवाए गए थे, लेकिन यह स्नेक्स उन्हें परोसने की बजाय किसी और को ही खिला दिए गए.
यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन अनोखी बात यह है कि सीआईडी ने इसकी जांच भी की. इस मामले में कई पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए. समोसे पर जांच के बाद डीएसपी ने गुप्तचर विभाग के महानिरीक्षक को यह रिपोर्ट भेजी. जब यह रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तो इस पर राज्य सरकार और राज्य गुप्तचर विभाग की जमकर फजीहत हुई.
समोसे पर 'संग्राम' के बाद CID का स्पष्टीकरण
शुक्रवार शाम के वक्त हिमाचल प्रदेश राज्य गुप्तचर विभाग की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी कर स्पष्टीकरण भी दिया गया. राज्य गुप्तचर विभाग की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि 21 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 1930 हेल्पलाइन डाटा सेंटर के उद्घाटन और गुप्तचर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के लिए विभाग कार्यालय का दौरा किया था.
इसके उद्घाटन और अधिकारियों के साथ बैठक के बाद दौरे के बारे में पुलिस महानिदेशक राज्य गुप्तचर विभाग के कार्यालय में एक ब्रीफिंग सत्र हुआ.
गायब चीजों का पता लगाने के लिए कहा था- ओझा
इस सत्र के दौरान एक अधिकारी ने जलपान प्रबंधन विशेष तौर पर पर्यटन निगम और बाहर से लाई गई खाने की चीजों की तरफ ध्यान दिलाया. इसके बाद यह बात संज्ञान में आई कि मुख्यमंत्री को कुछ खाद्य सामग्री नहीं परोसी गई. इस पर गुप्तचर विभाग के पुलिस महानिदेशक संजीव रंजन ओझा ने यह पता लगाना चाहा कि वह खाने की चीज भोजन की सूची से कैसे गायब हो गई.
गुप्तचर विभाग का कहना है कि यह हिमाचल प्रदेश सीआईडी का आंतरिक मामला है और सीआईडी विभाग एक अनुशासित संगठन है. सीआईडी की ओर से कहा गया है कि इस पूरे मामले में राज्य सरकार का कोई लेना-देना नहीं है.
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