Himachal Pradesh News: शुक्रवार सुबह से ही हिमाचल प्रदेश में समोसे पर जमकर सियासत हुई. 21 अक्टूबर को एक कार्यक्रम के दौरान खास तौर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए लाए गए समोसे कौन खा गया, इस पर सीआईडी के डीएसपी रैंक के अधिकारी ने एक जांच रिपोर्ट सौंपी. जांच रिपोर्ट के तीन पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तो सीआईडी की अनोखी जांच की वजह से राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई. 


यही नहीं, सोशल मीडिया पर आम जनता ने भी सरकार को जमकर ट्रोल किया. दोपहर के वक्त हिमाचल प्रदेश राज्य गुप्तचर विभाग के मुखिया संजीव रंजन ओझा का भी मामले में स्पष्टीकरण आया और उन्होंने सीआईडी की ओर से किसी भी तरह की जांच के आदेशों का खंडन किया. ओझा ने इस विभाग का आंतरिक मामला बताया और अंतरिम रिपोर्ट लीक होने पर भी चिंता जाहिर की. 


समोसे पर 'संग्राम' के बाद CID का स्पष्टीकरण
शुक्रवार शाम के वक्त हिमाचल प्रदेश राज्य गुप्तचर विभाग की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी कर स्पष्टीकरण दिया गया है. राज्य गुप्तचर विभाग की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि 21 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 1930 हेल्पलाइन डाटा सेंटर के उद्घाटन और गुप्तचर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के लिए विभाग कार्यालय का दौरा किया था. इसके उद्घाटन और अधिकारियों के साथ बैठक के बाद दौरे के बारे में पुलिस महानिदेशक राज्य गुप्तचर विभाग के कार्यालय में एक ब्रीफिंग सत्र हुआ. 


इस सत्र के दौरान एक अधिकारी ने जलपान प्रबंधन विशेष तौर पर पर्यटन निगम और बाहर से लाई गई खाने की चीजों की तरफ ध्यान दिलाया. इसके बाद यह बात संज्ञान में आई कि मुख्यमंत्री को कुछ खाद्य सामग्री नहीं परोसी गई. इस पर गुप्तचर विभाग के पुलिस महानिदेशक संजीव रंजन ओझा ने यह पता लगाना चाहा कि वह खाने की चीज भोजन की सूची से कैसे गायब हो गई. गुप्तचर विभाग का कहना है कि यह हिमाचल प्रदेश सीआईडी का आंतरिक मामला है और सीआईडी विभाग एक अनुशासित संगठन है. सीआईडी की ओर से कहा गया है कि इस पूरे मामले में राज्य सरकार का कोई लेना देना नहीं है.


इस मामले पर आया है स्पष्टीकरण 
बता दें कि हिमाचल की सीआईडी ने एक अनोखी जांच की. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कार्यक्रम के लिए शिमला में एक निजी होटल से मंगवाए गए स्नैक्स सीआईडी ने किसी और को ही परोस डाले. मुख्यमंत्री के लिए एक बड़े निजी होटल से समोसे और केक मंगाए गए थे, लेकिन यह स्नेक्स उन्हें परोसने की बजाय अन्य अधिकारियों को परोस दिए गए. यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन अनोखी बात यह है कि सीआईडी ने इसकी जांच भी की. 


इस मामले में कई पुलिस अधिकारियों के जहां बयान दर्ज किए गए और इस जांच को डीएसपी ने गुप्तचर विभाग के पुलिस महानिरीक्षक को यह रिपोर्ट भेजी. जब यह रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तो इस पर राज्य सरकार और गुप्तचर विभाग की जमकर फजीहत हुई.


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