Himachal Pradesh Sanjauli Masjid Update: हिमाचल प्रदेश में शिमला की संजौली मस्जिद मामले में आज जिला अदालत में सुनवाई होगी. जिला अदालत मुस्लिम पक्ष की याचिका पर अपना फैसला सुना सकती है. ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने जिला अदालत में नगर निगम आयुक्त की अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने के आदेश जारी किए गए हैं.
यह मामला अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश-I, शिमला की अदालत में जज प्रवीण गर्ग द्वारा सुना जा रहा है. इससे पहले मामले की सुनवाई 22 नवंबर को हुई थी. इस दिन वक्फ बोर्ड ने जिला अदालत में एफिडेविट दिया था कि उन्होंने मोहम्मद लतीफ को अध्यक्ष नियुक्त किया है. ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन की तरफ से मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष की वैधता को लेकर भी प्रश्न उठाए गए थे.
हिमाचल हाई कोर्ट भी पहुंचा था मामला
बीते 21 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने भी संजौली मस्जिद के पूरे ढांचे की वैधता पर अंतिम फैसला आठ हफ्ते के भीतर करने के आदेश जारी किए हैं. इस मामले के जल्द निपटारे के लिए संजौली के स्थानीय निवासियों की ओर से याचिका दायर की गई थी. यह मामला नगर निगम शिमला के आयुक्त की अदालत में लंबित है. याचिका के माध्यम से नगर निगम आयुक्त को मामले का जल्द से जल्द निपटारा करने के आदेश जारी करने की मांग की गई थी.
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट की ओर से दी गई आठ हफ्ते की मियाद भी दिसंबर 21 तक पूरी होने वाली है. संजौली के स्थानीय लोगों की ओर से हिमाचल हाई कोर्ट में पेश हुए वकील जगत पॉल का कहना है कि अगर नगर निगम आयुक्त की अदालत मुख्य शिकायत का निपटारा हाई कोर्ट के आदेशों के मुताबिक नहीं करती है, तो वह इसके खिलाफ कोर्ट में जाएंगे और अवमानना का मामला तैयार करेंगे.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने जिला अदालत में नगर निगम आयुक्त की अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने के आदेश जारी किए गए हैं. यह मामला अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश-I, शिमला की अदालत में जज प्रवीण गर्ग द्वारा सुना जा रहा है. संजौली मस्जिद कमेटी ने 11 सितंबर को खुद ही नगर निगम आयुक्त के दफ्तर में जाकर उन तीन फ्लोर को हटाने की पेशकश की थी, जिसे अवैध बताया जा रहा था.
इसके बाद पांच अक्टूबर को नगर निगम की अदालत ने संजौली मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने के आदेश दिए थे. इसके लिए कमेटी को दो महीने का वक्त दिया गया था. हालांकि, बाद में यह काम जब शुरू हुआ, तो मस्जिद कमेटी ने धन की कमी के चलते मस्जिद हटाने के काम को मस्जिद के तीन फ्लोर को हटाने का काम बंद कर दिया.