Himachal Schools: हिमाचल में 89 प्राइमरी के साथ 10 मिडिल स्कूल होंगे बंद, इस वजह से लिया गया फैसला
Himachal Schools News: हिमाचल मंत्रिमंडल ने दो किमी के दायरे के प्राथमिक स्कूलों और तीन किमी के दायरे के माध्यमिक स्कूलों में पांच और इससे कम विद्यार्थियों की स्थिति में मर्ज करने को मंजूरी दे दी है.
Himachal Pradesh Schools News: हिमाचल प्रदेश में 89 प्राइमरी स्कूलों के साथ 10 मिडिल स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है. यह फैसला हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. लंबे वक्त से जीरो एनरोलमेंट वाले स्कूलों को बंद करने की चर्चा चल रही थी. आखिरकार गुरुवार को मंत्रिमंडल ने इसकी मंजूरी दे दी. हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के इस फैसले से न सिर्फ धन की बचत होगी, बल्कि अध्यापकों और कर्मचारियों के कौशल का भी सही स्थान पर इस्तेमाल हो सकेगा.
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने दो किलोमीटर के दायरे के राजकीय प्राथमिक स्कूलों और तीन किलोमीटर के दायरे के राजकीय माध्यमिक स्कूलों में पांच और इससे कम विद्यार्थियों की स्थिति में मर्ज करने को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा जीरो एनरोलमेंट यानी शून्य नामांकन वाले 89 प्राइमरी स्कूलों और 10 मिडिल स्कूलों को बंद किया जाएगा. शिक्षा विभाग में टीचर्स को हर साल शैक्षणिक सत्र के आखिर में ही ट्रांसफर किया जाएगा.
ट्रांसफर पॉलिसी पर आगे नहीं बढ़ पा रही सरकार
मौजूदा वक्त में अध्यापक शैक्षणिक सत्र के बीच में ही अपनी ट्रांसफर करवा लेते हैं. इसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है. राज्य सरकार की ओर से लिए गए इस फैसले के बाद अब बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी. लंबे वक्त से हिमाचल प्रदेश में ट्रांसफर पॉलिसी ले जाने की चर्चा चल रही है, लेकिन अब तक सरकार इस दिशा में कोई पुख्ता कदम नहीं उठा सकी है. तत्कालीन जय राम सरकार में भी ट्रांसफर पॉलिसी पर काम चलता रहा, लेकिन पॉलिसी नहीं आई. मौजूदा सरकार भी इसे खुद को बचाती हुई नजर आ रही है.
शिक्षा के क्षेत्र में 9 हजार 560 करोड़ रुपये होंगे खर्च
बता दें की हिमाचल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार वित्त वर्ष 2024-25 में शिक्षा के क्षेत्र में 9 हजार 560 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने फरवरी महीने में पेश किए बजट में इसकी घोषणा की थी. राज्य में बच्चों की बेहतर पढ़ाई के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल भी खोले जा रहे हैं. इसके अलावा स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी भाषा सीखने पर भी जोर दिया जा रहा है. राज्य सरकार बच्चों को गुणात्मक शिक्षा देने पर भी जोर दे रही है.
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