IPS Arvind Digvijay Negi News: 2011 के आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी की सेवाओं को हिमाचल प्रदेश सरकार ने बहाल कर दिया है. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने उन्हें खुफिया जानकारी लीक करने के मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद से वे सस्पेंड चल रहे थे. कोर्ट से उन्हें मामले में एक लाख के मुचलके के साथ जमानत मिली है. इसके बाद से ही उनकी फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में सेवाएं बहाल करने को लेकर लंबित पड़ी हुई थी. अरविंद दिग्विजय नेगी की सस्पेंशन रद्द करने की फाइल पुलिस मुख्यालय की तरफ से मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी गई थी. आईपीएस अरविंद दिग्विजय नेगी को नई नियुक्ति मिलने तक शिमला स्थित पुलिस महानिदेशालय में डीजीपी को रिपोर्ट करना होगा.


संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त होने के थे आरोप


आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी को पिछले साल छह नवंबर में एनआईए की ओर से दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. यह मामला संदिग्ध गतिविधियों की साजिश और इसे अंजाम देने में सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबंधित संगठन के सक्रिय सदस्यों के नेटवर्क के प्रसार के आरोपों से संबंधित है. इससे पहले आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे. इस मामले के बाद उन्हें वापस प्रतिनियुक्ति से हिमाचल प्रदेश भेजा गया.


किन्नौर के रहने वाले अरविंद दिग्विजय नेगी


हिमाचल प्रदेश काडर के आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी में 11 साल तक सेवा दे चुके हैं. साल 2017 में वह हिमाचल प्रदेश के पहले ऐसे पुलिस अफसर बने, जिन्हें नामी एजेंसी में सराहनीय कार्य के लिए प्रेसिडेंट पुलिस मेडल मिला था. उन्होंने जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों की टेरर फंडिंग से जुड़े कई मामलों का भंडाफोड़ किया था. 


दिग्विजय नेगी ने कश्मीर में पत्थरबाजों पर नकेल कसने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. मूल रूप से किन्नौर के रहने वाले अरविंद दिग्विजय ने की साल 1998 में हिमाचल प्रदेश में डीएसपी के पद पर नियुक्त हुए थे. अरविंद दिग्विजय नेगी के पिता में पुलिस अफसर थे. अरविंद दिग्विजय नेगी ने शिमला में डीएसपी ट्रैफिक के तौर पर भी सेवाएं दी हैं. शिमला में ही तैनाती के दौरान अरविंद दिग्विजय नेगी ने इशिता तेजाब कांड को भी सुलझाया था. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने जब उन्हें खुफिया जानकारी लीक करने के मामले में गिरफ्तार किया तो उनकी छवि को इससे नुकसान पहुंचा.