Shimla Ice Skating Rink: हिमाचल प्रदेश की राजधानी और पहाड़ों की रानी शिमला में बने एशिया के एकमात्र ओपन आइस स्केटिंग रिंक में स्केटिंग के लिए फिलहाल कुछ इंतजार करना होगा. आइस स्केटिंग के दीवाने हर साल इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं, लेकिन रिंक में चल रहे स्मार्ट सिटी के काम की वजह से इसमें देरी हो रही है. दरअसल, आइस स्केटिंग रिंक के साथ आठ करोड़ की लागत से लिफ्ट बनाने का काम चल रहा है. फिलहाल पूरी रिंक में मिट्टी और कीचड़ का अंबार लगा है. नवंबर के आखिर तक इस मिट्टी को यहां से हटा लिया जाएगा और स्केटिंग के लिए 1 दिसंबर से रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा.


20 दिसंबर से शुरू हो सकती है आइस स्केटिंग


शिमला स्थित आइस स्केटिंग रिंक के मैनेजिंग डायरेक्टर मनप्रीत सिंह ने बताया कि स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट की वजह से फिलहाल रजिस्ट्रेशन शुरू नहीं की गई है. रिंक से मिट्टी और मलबा हटने के बाद एक दिसंबर से रजिस्ट्रेशन शुरू की जाएगी और संभावना है कि 20 दिसंबर से आइस स्केटिंग भी शुरू हो जाए. मनप्रीत सिंह ने बताया कि आइस स्केटिंग के दीवाने पूरा साल भर इसका इंतजार करते हैं. कोरोना की वजह से भी दो साल तक आइस स्केटिंग अच्छे से नहीं हो सकी, लेकिन अब इस साल मौसम भी अनुकूल है और आइस स्केटिंग बेहतरीन होने की पूरी संभावना है. मनप्रीत सिंह ने कहा कि जल्द ही स्केटिंग रिंक को दुरुस्त किया जाएगा और स्केटर्स यहां स्केटिंग कर सकेंगे.


स्केटिंग रिंक ने ली टेनिस कोर्ट की जगह


ब्रिटिश शासन काल के दौरान भारत पर अधिपत्य स्थापित कर राज करने वाले अंग्रेज सिमला (Simla) की अलग-अलग जगहों पर खेल खेला करते थे. मौजूदा वक्त में जहां स्केटिंग रिंक है, वहां साल 1920 तक टेनिस खेला जाता था. अंग्रेज ब्लेस्सिंगटन भी यहां टेनिस खेलने आया करता था, लेकिन मुश्किल यह थी कि सर्दियों के समय यह टेनिस कोर्ट जम जाया करता और अंग्रेज यहां खेल नहीं पाते. तभी उत्सुकतावश ब्लेस्सिंगटन ने टेनिस कोर्ट में पानी भर दिया और सुबह जब वापस लौटा, तो पूरा टेनिस कोर्ट पर बर्फ की पतली परत जम चुकी थी. तभी ब्लेस्सिंगटन को यहां आइस स्केटिंग रिंक बनाने का ख्याल आया. इस तरह यहां शिमला में एशिया की एक मात्र ओपन स्केटिंग रिंक है.


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