479 Roads Close in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले और जनजातीय इलाकों में हुई ताजा बर्फबारी (Snowfall) की वजह से तीन राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 450 से अधिक सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कुल 479 सड़कें बाधित हुई हैं, जिनमें सबसे अधिक 180 सड़कें शिमला (Shimla) की बंद हैं, जबकि लाहौल-स्पीति की 150 सड़कों, किन्नौर की 72 सड़कों, कुल्लू की 35 सड़कों, चंबा की 27 सड़कों, मंडी की आठ और कांगड़ा-सिरमौर जिले की दो-दो सड़कों पर बर्फबारी की वजह से यातायात को रोका दिया गया है.


हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि 476 राज्य सड़कें और 3 राष्ट्रीय राजमार्ग बर्फबारी से प्रभावित हैं. बर्फ हटाने वाली मशीनें लगाई जानी हैं, युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. अधिकारियों ने इसी के निर्देश दिए हैं. हम पर्यटक क्षेत्र का भी ध्यान रख रहे हैं.



697 ट्रांसफॉर्मर भी बाधित


वहीं राज्य आपात परिचालन सेवा के आंकड़ों के मुताबिक कुल 697 ट्रांसफॉर्मर भी बाधित हुए हैं. लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बर्फबारी वाले इलाकों में सड़कों पर से बर्फ हटाने के लिए कर्मियों और मशीनों को तैनात किया गया है और वे पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि किन्नौर जिले के पूह और काल्पा में क्रमश: 11 और 8.6 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई है. वहीं शिमला के खादराला में छह सेंटीमीटर, लाहौल-स्पीति के कुकुमसेरी और केलांग में क्रमश: 4.8 सेंटीमीटर और तीन सेंटीमीटर बर्फबारी हुई है.


चंबा में सबसे अधिक 55.5 मिलीमीटर हुई बारिश


अधिकारियों ने बताया कि मध्य और कम ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश हुई और चंबा में सबसे अधिक 55.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. इसके बाद धर्मशाला में 25.3 मिमी, कांगड़ा में 20.6 मिमी, मनाली में नौ मिमी और पालमपुर में 6.6 मिमी बारिश हुई है. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में इस मौसम की सामान्य बारिश 85.3 मिमी के मुकाबले 86.2 मिमी बारिश हुई है जो एक प्रतिशत अधिक है.


दो फरवरी को कुछ जगहों पर हो सकती है बारिश


स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र का पूर्वानुमान है कि दो फरवरी को मध्यम और अधिक ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों के कुछ हिस्सों में बारिश या बर्फबारी हो सकती है. इसके अलावा चार फरवरी तक राज्य में मौसम शुष्क रहने की संभावना जताई गई है. शिमला और किन्नौर के सेब उत्पादक इस बर्फबारी से खुश हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे फसल को लाभ होगा.


ये भी पढ़ें- Himachal Pradesh Corona Free: हिमाचल प्रदेश 33 महीने बाद हुआ कोरोना मुक्त, अप्रैल 2020 में आया था पहला मामला