Himachal Pradesh Street Vending Policy: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी के लिए बनाई गई कमेटी की पहली बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने की.


बैठक में स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी के संबंध में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई है. बैठक में फैसला लिया गया कि इस बारे में आम लोगों से सुझाव और आपत्तियां भी ली जाएंगी. कमेटी की अगली बैठक 4 नवंबर को होगी. 


जानकारी के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर में हुई इस बैठक में शहरी विकास विभाग ने एक प्रेजेंटेशन भी दी. शहरी विकास विभाग ने केंद्र सरकार के 2014 और हिमाचल प्रदेश सरकार के 2016 की स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट को लेकर विस्तृत जानकारी दी. इसी बैठक में सदस्यों ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. यह कमेटी शहरी विकास विभाग के माध्यम से ही आम लोगों के सुझाव और आपत्तियां दर्ज करेगी.


सात सदस्यों वाली कमेटी की बैठक


बता दें कि हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी कमेटी के अध्यक्ष संसदीय कार्य एवं उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान हैं. हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में कांग्रेस और बीजेपी विधायकों की एक समिति का गठन किया गया है. ग्रामीण विकास एवं पंचायती मंत्री अनिरूद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, बीजेपी विधायक अनिल शर्मा, बीजेपी विधायक सतपाल सिंह सत्ती, बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा और कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा इस समिति के सदस्य हैं.


जानए क्यों हुआ है कमेटी का गठन?

दरअसल, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में जब मस्जिद को लेकर विवाद हुआ, उसके बाद स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी को मजबूत करने की बात सामने आई. आम लोगों का आरोप था कि हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों से लोग आकर लोग रेहड़ी-फड़ी लगाते हैं और अपनी वेरिफिकेशन भी सही तरह से नहीं करवाते. इसके बाद ही विधानसभा में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से आग्रह किया था कि कमेटी का गठन करें. मुख्यमंत्री के आग्रह पर विधानसभा अध्यक्ष ने सात सदस्यों वाली कमेटी का गठन किया.


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