Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल चरम पर है. कांग्रेस के नेताओं में आपसी बयानबाजी भी लगातार जारी है. धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से अब अयोग्य घोषित हो चुके विधायक और कांग्रेस के बागी सुधीर शर्मा ने कहा है कि विधायकों को किडनैप करने की बात निराधार है. सभी विधायक राष्ट्र और प्रदेश के हित में स्वेच्छा से साथ खड़े हुए हैं. 


हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा था कि कांग्रेस के विधायकों को बीजेपी वालों ने सीआरपीएफ के घेरे में रखा हुआ है. उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए भी खतरा करार दिया. मुख्यमंत्री के इसी बयान के बाद सुधीर शर्मा की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.


सीएम जानते हैं, उनके पास बहुमत नहीं 


तत्कालीन वीरभद्र सरकार में शहरी विकास मंत्री रहे सुधीर शर्मा ने कहा कि राज्यसभा चुनाव परिणाम ने प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल लाने का काम किया. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जानते हैं कि अब उनके पास बहुमत नहीं है. राज्यसभा चुनाव के नतीजे ने हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार और दिल्ली में बैठे कांग्रेसी नेताओं को भी सोचने पर मजबूर करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि जब विधायकों के काम ही सरकार से नहीं हो रहे, तो उनके साथ रहकर कोई फायदा नहीं है. उन्होंने कहा कि वे जनता के काम के लिए चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं. ऐसे में जब काम ही नहीं हो रहे, तो इस सब का क्या फायदा.


कुर्सी बचाने के लिए बनते जा रहे कैबिनेट रैंक


सुधीर शर्मा ने कहा कि पहले तो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकारी खजाने की चिंता की बात करते रहे, लेकिन कुर्सी पर खतरा आते ही एक के बाद एक कैबिनेट रैंक बांट रहे हैं. शर्मा ने सवाल पूछा- क्या अब सरकारी खजाने पर कोई बोझ नहीं पड़ रहा? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विधायकों के पास सरकारी अफसर पहुंचकर उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं. सुधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस से बगावत करने वाले नेता अपनी बात पर अडिग हैं और प्रलोभन से दूर हैं.


'अस्थिरता के लिए सीएम और उनके मित्र जिम्मेदार'


कांग्रेस के बागी नेता सुधीर शर्मा ने कहा कि आज प्रदेश में जो स्थिति पैदा हुई है, उसके लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनकी मित्र मंडली जिम्मेदार है. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग पंचायत का चुनाव भी नहीं लड़ सकते, वह आज कैबिनेट रैंक लेकर घूम रहे हैं. सुधीर शर्मा ने कहा कि यह भी बेहद दु:ख का विषय है कि जिन युवाओं ने कांग्रेस की सरकार बनाने का काम किया, आज वे दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं. 


सुधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश में जो सरकार चल रही है, वह अलोकप्रिय और अनुभवहीन है. उन्होंने कहा कि उनकी विधानसभा से सदस्यता रद्द करने का मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है. उन्हें विश्वास है कि सत्य की जीत होगी. सुधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देकर जनता के दरबार में जाना चाहिए.