Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार (Sukhwinder Singh Sukhu Government) बनने के बाद प्रदेश पर कर्ज का मुद्दा लगातार चर्चाओं में रहा है. मुख्यमंत्री सुक्खू ने भी अनेक मंचों से हिमाचल प्रदेश पर बढ़ते कर्ज के बोझ को लेकर खूब बोला. सरकार बनते ही मुख्यमंत्री सुक्खू हिमाचल पर 75 हजार करोड़ का कर्ज होने की बात कहते रहे हैं. वहीं बीजेपी सरकार के दौरान प्रदेश पर 69 हजार 600 करोड़ के कर्ज होने की बात कहती रही है. इसी बीच जब बजट सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में सरकार ने प्रदेश पर अब तक के कुल कर्ज के आंकड़े पेश किए, तो मामला साफ हो गया. इस सवाल के जवाब से पता चला कि सरकार ने पिछले तीन महीनों में ही करोड़ों का कर्ज ले डाला.
सुधीर शर्मा के सवाल से सामने आए आंकड़े
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा ने सदन में कर्ज को लेकर सवाल लगाया. उन्होंने अपने सवाल में सरकार से पिछले 3 महीनों के दौरान लिए गए कर्ज का ब्यौरा मांगा. धर्मशाला के कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा ने जानकारी मांगी कि पिछले तीन वर्षों में 31 जनवरी, 2023 तक सरकार की ओर से किन-किन एजेंसियों से कितना-कितना कर्ज लिया गया है? उन्होंने यह भी पूछा कि वर्तमान में सरकार और प्रति व्यक्ति पर औसतन कितना ऋण है?
प्रदेश पर कुल 71 हजार 082 करोड़ का कर्ज
सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुक्खू ने सदन में आंकड़े पेश किए. लिखित जवाब में बताया गया कि सरकार के सदन में दिए गए जवाब से पता चलता है कि हिमाचल पर अब तक 71 हजार 082 करोड़ रुपए का कर्ज है. मौजूदा समय में हिमाचल पर औसतन 95 हजार 374 रुपए प्रति व्यक्ति कर्ज है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से सदन में दिए गए जवाब के मुताबिक हिमाचल प्रदेश सरकार ने विभिन्न एजेंसियों से वर्ष 2020-21 में 7 हजार 295 करोड़ का कर्ज लिया. इसके अलावा 2021-22 में 5 हजार 500 करोड़ और 2023-24 में 10 हजार 294 करोड़ रुपये का का कर्ज लिया गया. कुल-मिलाकर पिछले तीन साल में कुल 23 हजार 185 करोड़ के कर्ज का बोझ प्रदेश पर लाद दिया गया.
3 साल में खुले बाजार से 19,500 करोड़ कर्ज
सरकार ने कर्ज का सबसे बड़ा हिस्सा खुले बाजार से उठाया है. पिछले तीन साल में हिमाचल प्रदेश सरकार ने 19 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज खुले बाजार से उठाया. सरकार की ओर से दिए गए जवाब में बताया गया कि मई 2022 से 31 जनवरी 2023 तक 9 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया. वहीं, 2020-21 में खुले बाजार से एक हजार करोड़, 2021-22 में चार हजार करोड़ का कर्ज सरकार ने लिया.
नाबार्ड समेत इन एजेंसियों की भी कर्जदार सरकार
प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक यानी नाबार्ड से कुल 1 हजार 843 करोड़ रुपये का कर्ज लिया. आंकड़ों के मुताबिक सरकार ने 2020-21 में 664 करोड़, 2021-22 में 700 करोड़ और 2022-23 में 31 जनवरी 2023 तक 479 करोड़ कर्ज लिया. इसके अलावा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम से सरकार ने तीन साल में 33 करोड़ का कर्ज लिया. 2020-21 में 29 करोड़, 2021-22 में चार करोड़ और 2022-23 में कोई कर्ज नहीं लिया. वहीं, भारत सरकार से हिमाचल प्रदेश सरकार ने कुल 1 हजार 809 करोड़ का कर्ज लिया. आंकड़े देखें तो, 2021-22 में 892 करोड़ और 2022-23 में मई से जनवरी 31 तक 315 करोड़ कर्ज लिया है.
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