Himachal Pradesh Tourism: हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है. बीते दिनों हिमाचल प्रदेश में बारिश की वजह से मची तबाही ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया. प्रदेश भर से जो तस्वीरें सामने आई, उससे अब पर्यटक हिमाचल प्रदेश का रुख करने से डर रहे हैं. इसके अलावा लंबे वक्त से बंद पड़े कालका-शिमला नेशनल हाईवे की वजह से भी पर्यटक शिमला का रुख करने से बच रहे हैं. हालांकि, इन दिनों कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर वाहनों की आवाजाही हो रही है. बावजूद इसके चक्की मोड़ के नजदीक लगातार हो रहे भूस्खलन ने पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों के मन में भी खौफ पैदा कर दिया है.


कारोबारी के सामने पैदा हुआ रोजी-रोटी का संकट


हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार ठप होने से लाखों कारोबारी परेशान हैं. कारोबारी के अलावा ऐसे छोटे-छोटे दुकानदार भी हैं, जिनका कामकाज पर्यटकों के आने से ही चलता है. ऐसे में यह कारोबारी भी खासा परेशान हो गए हैं. पर्यटकों की आमद कम होने की वजह से कारोबारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट भी पैदा होता नजर आ रहा है. टैक्सी चालकों को अपनी गाड़ी की किश्त देनी है. टूरिस्ट गाइड फोटोग्राफर को बच्चों की पढ़ाई की फीस देनी है और घोड़ा संचालकों को हर रोज घोड़े के घास का खर्च भी निकालना है. ऐसे में जब पर्यटक यहां नहीं आ रहे हैं, तो यह लोग खासे परेशान हैं. हालांकि, कारोबारियों की पुरानी बचत उनके काम आ रही है, लेकिन सवाल यह है कि अगर सरकारी कर्मचारियों को भी एक महीने की तनख्वाह न मिले तो क्या वह अपना गुजर-बसर कर सकते हैं?


परेशानी में हैं पर्यटन कारोबारी


एबीपी न्यूज के साथ खास बातचीत के दौरान पर्यटन कारोबारी मोहिंद्र सेठ ने बताया कि, हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार प्रभावित होने से करोड़ों रुपये का नुकसान हो गया है. इससे केवल पर्यटन कारोबारी ही नुकसान नहीं झेल रहे, बल्कि सरकार को भी बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है. कोरोना काल के बाद इस आपदा काल ने पर्यटन कारोबार को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. साल 2020-21 में पर्यटन कारोबार कोरोना की वजह से प्रभावित रहा. साल 2022 में पर्यटन कारोबार ने रफ्तार पकड़ी, लेकिन अब एक बार फिर पर्यटन कारोबार डिरेल होता हुआ नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में आई आपदा की तस्वीरें जिस तरह से राष्ट्रीय स्तर पर दिखाई जा रही हैं, उससे सैलानियों के मन में भय पैदा हो गया है. ऐसे में आने वाले वक्त में भी उन्हें अपने कारोबार के ठप होने का खतरा सता रहा है.


आंकड़े जुटाने की तकनीक से भी असहमत कारोबारी


पर्यटन कारोबारी का कहना है कि सरकार जिस तकनीक से पर्यटकों के आंकड़े जुटाती है, वह भी पूरी तरह गलत है. सरकार एक ही पर्यटक की तीन से चार बार गिनती कर लेती है. हालांकि, इसमें कई बार कारोबारी की ओर से पर्यटन निगम को तकनीकी दुरुस्त करन का भी आग्रह किया गया. पर्यटन निगम शिमला से मनाली जाने वाले पर्यटक को दो बार गिनती में लेती है. अगर यही पर्यटक किसी तीसरी जगह चला जाए, तो इसे तीन बार गिन लिया जाता है. ऐसे में यह पर्यटकों को गिनने वाली तकनीक में ही खामी है.



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