Himachal Pradesh News: भारत पर शासन के दौरान ब्रिटिश हुक्मरानों ने कई ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण करवाया था. शिमला की हर इमारत के पीछे दिलचस्प कहानी जुड़ी है. ऐसे ही एक इमारत शिमला (Shimla) के सीटीओ (CTO) के नजदीक बैंटनी कैसल की भी है. करीब 143 साल पुरानी इस इमारत का निर्माण एंग्लो गोथिक शैली में करवाया गया है. बैंटनी कैसल करीब 18 हजार वर्ग मीटर में फैली हुई है. इन दिनों इस इमारत का पुनरुद्धार का काम चल रहा है. यह ऐतिहासिक इमारत दो राज परिवारों से होते हुए निजी संपत्ति बनी. हिमाचल प्रदेश सरकार ने साल 1968, साल 1975 और साल 2004 की नाकाम कोशिश के बाद साल 2017 में ऐतिहासिक इमारत का अधिग्रहण कर लिया था.


ब्रिटिश शासन काल के दौरान साल 1880 में बैंटनी कैसल को कैप्टन ए. गार्डन ने तत्कालीन सिरमौर रियासत के राजा अमर प्रकाश बहादुर को बेच दिया था. इसके बाद यह ऐतिहासिक इमारत बिहार के दरभंगा महाराजा की संपत्ति भी रही. दरभंगा रियासत के शासकों के वारिसों के बाद यह इमारत शिमला में कारोबार कर रहे इसके मालिक से खरीदी गई. हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस संपत्ति का अधिग्रहण 27 करोड़ रुपये से अधिक राशि चुका कर किया है. करीब 18 हजार वर्ग मीटर में फैली यह ऐतिहासिक इमारत खूबसूरत पहाड़ों के बीच बसी हुई है. इसकी एक तरफ शिमला का मशहूर ग्रैंड होटल और दूसरी तरफ CTO की इमारत है. इसके सामने खूबसूरत और विशालकाय पहाड़ नजर आते हैं, जो हर किसी का मन मोह लेते हैं.


आम जनता के लिए खोला जाएगा बैंटनी कैसल
19 सितंबर 2017 को बैंटनी कैसल की ऐतिहासिक इमारत में हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी. पूर्व की जयराम सरकार में बैंटनी कैसल को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने का काम चला. सुक्खू सरकार में भी हिमाचल प्रदेश के 2023-24 के बजट में बैंटनी कैसल को विकसित करने की बात कही गई है. बैंटनी कैसल को सैलानियों के लिए खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट बनाने की तैयारी है. यहां मनोरंजन के लिए म्यूजियम, पार्क और कैफे बनाया जा रहा है. इसके अलावा लाइट एंड साउंड शो के जरिए सैलानियों को हिमाचल प्रदेश की संस्कृति और विरासत से भी रूबरू करवाने की तैयारी है. पहले 31 दिसंबर 2021 को बैंटनी कैसल का पुनरुद्धार पूरा होने की उम्मीद थी.


पर्यटकों के लिए उपलब्ध होगी बेहतरीन सुविधा
इस साल बैंटनी कैसल का पुनरुद्धार पूरे होने के बाद इस इलाके को स्थान को पर्यटकों के साथ शिमला की जनता के लिए खोल दिया जाएगा. शिमला छोटा और भीड़भाड़ वाला इलाका है. टूरिस्ट सीजन के दौरान यहां रोजाना 15 हजार से 20 हजार पर्यटक पहुंच जाते हैं. शिमला में पर्यटकों के बैठने के लिए कोई खुला स्थान भी नहीं है. ऐसे में बैंटनी कैसल के नए पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित होने से पर्यटकों को भी बेहतरीन सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.



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