Himachal Pradesh University Students Protest: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में इन दिनों पढ़ाई नहीं, बल्कि प्रदर्शन हो रहे हैं. जिस विश्वविद्यालय को करोड़ों रुपये खर्च कर पढ़ाई के लिए बनाया गया है, वह इन दिनों प्रदर्शन का अखाड़ा बना हुआ है. इस प्रदर्शन की वजह हाल ही में विश्वविद्यालय की ओर से घोषित अंडर ग्रेजुएट फर्स्ट ईयर के छात्रों के परीक्षा परिणाम हैं. इन परीक्षा परिणाम में करीब 60 फीसदी छात्र पास नहीं हो सके हैं. ऐसे में छात्र संगठन एबीवीपी और एसएफआई लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
छात्र संगठनों का आरोप है कि विश्वविद्यालय में ERP सिस्टम की वजह से छात्रों के गलत रिजल्ट जारी किए गए हैं. आरोप है कि ERP सिस्टम में खामी होने की वजह से ज्यादातर छात्र फेल हो गए हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन अब छात्र-छात्राओं को रि-इवैल्यूएशन कराने की सलाह दे रहा है, लेकिन इसके लिए उन्हें 300 से लेकर 500 रुपये तक की फीस चुकानी होगी. छात्र-छात्राओं का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन का परीक्षा परिणामों के प्रति नकारात्मक रवैया है.
विश्वविद्यालय में ABVP का हंगामा
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से घोषित परीक्षा परिणामों के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने वीसी ऑफिस के बाहर जमकर हंगामा किया. कार्यकर्ताओं ने वीसी ऑफिस के अंदर घुसने की कोशिश की. इस दौरान मौके पर सुरक्षा बल भी तैनात रहा. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. विद्यार्थी परिषद की मांग है कि प्रशासन ईआरपी सिस्टम को खत्म कर पहले की तरह ऑफलाइन पेपर चेक करें. साथ ही विद्यार्थियों को रि-इवैल्यूएशन की फीस भी माफ करने की मांग की है.
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SFI की 24 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल
विश्वविद्यालय की ओर से घोषित परिणामों से नाखुश स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ता 24 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. छात्र संगठन एसएफआई का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन में गलत तरह से परिणाम घोषित किए हैं. SFI का कहना है कि ERP सिस्टम की खामी को उजागर करती आ रही है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन मनमाना रवैया अपनाए हुए है. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से ERP सिस्टम को खत्म करने की मांग की है.
जयसिंहपुर से बेटी का रिजल्ट ठीक कराने पहुंचा बीमार पिता
राजधानी शिमला से 180 किलोमीटर दूर जिला कांगड़ा के जयसिंहपुर से एक बीमार बाप अपनी बेटी का रिजल्ट ठीक कराने विश्वविद्यालय पहुंचा. कश्मीर सिंह पैरालिसिस से ग्रसित हैं और बेटी के फेल होने की वजह से पहली बार मजबूरन विश्वविद्यालय आना पड़ा. अमूमन मां-बाप बच्चों की सफलता पर विश्वविद्यालय आते हैं, लेकिन रिजल्ट खराब आने की वजह से मां-बाप को विश्वविद्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. कश्मीर सिंह का कहना है कि उनकी बेटी रिजल्ट आने के बाद से डिप्रेशन में है. दसवीं और बारहवीं में 90 फीसदी से ज्यादा अंक लाने के बाद विश्वविद्यालय ने फर्स्ट ईयर में बेटी को फेल कर दिया. रिजल्ट खराब होने की वजह से बेटी ने आत्महत्या की भी कोशिश की है.
क्या कहता है विश्वविद्यालय प्रशासन?
कश्मीर सिंह ने कहा की विश्वविद्यालय में चक्कर काटने के बावजूद कोई प्रशासनिक अधिकारी बात करने के लिए तैयार नहीं होता. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से रिजल्ट दुरुस्त करने की मांग उठाई है. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय परीक्षा नियंत्रक जे. सी. नेगी ने कहा कि मामले को लेकर कमेटी का गठन किया गया है. इसके अलावा जिन विद्यार्थियों के रिजल्ट को लेकर शंका है, वह आरटीआई मार्कशीट लेकर चेक कर सकते हैं. इसके अलावा विद्यार्थियों की रि-इवैल्यूएशन का विकल्प भी है.