हिमाचल विश्वविद्यालय की लेटलतीफी से बेरोजगार परेशान! करोड़ों की फीस जमा, चार साल बाद भी नहीं हुई भर्ती
Himachal News: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की लेटलतीफी से बेरोजगार युवा परेशान हैं. चार साल पहले आई भर्ती अब तक पूरी नहीं हुई है. इससे पढ़ें-लिखे युवा परेशान है.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के युवाओं का ज्यादा रुझान सरकारी नौकरियों की तरफ है, लेकिन राज्य में सरकारी नौकरियां नाममात्र की हैं. पहले तो युवाओं के लिए सरकारी क्षेत्र में भर्तियां नहीं आती और अगर आ भी जाए, तो वह प्रक्रिया पूरी ही नहीं हो पाती.
इसी तरह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की लेटलतीफी की वजह से राज्य के पढ़े-लिखे बरोजगार परेशान हैं. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने नॉन टीचिंग स्टाफ के करीब 300 पदों पर भर्तियां निकाली थी. इसके लिए करीब 53 हजार युवाओं ने आवेदन किया था, लेकिन अब तक यह भर्ती प्रक्रिया पूरी ही नहीं हो सकी है.
अभ्यर्थी रूपांश राणा ने RTI से जुटाई जानकारी
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र संगठन एसएफआई से जुड़े रूपांश राणा ने इस संबंध में सूचना के अधिकार का इस्तेमाल किया. रुपांश ने खुद भी भर्ती के लिए फॉर्म भरा है. सूचना के अधिकार में पूछे गए सवालों में जानकारी मिली है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में चार करोड़, 49 लाख, 92 हजार 600 की फीस एकत्रित हुई. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में 300 पदों पर आई इस भर्ती के लिए 52 हजार 915 युवाओं ने आवेदन किया था. इन सभी युवाओं को बीते करीब 4 साल से भर्ती पूरे होने का इंतजार है.
इन पदों पर होनी थी भर्ती
साल 2020-21 में नॉन टीचिंग स्टाफ कैटेगरी में बी, सी और डी ग्रेड में लाइब्रेरियन, असिस्टेंट लाइब्रेरियन, क्लर्क, माली, बेलदार, मेडिकल ऑफिसर के साथ जूनियर ऑफिस असिस्टेंट की पोस्ट के लिए आवेदन मांगे गए थे. बी ग्रेड पदों को भरने के लिए मांगे गए आवेदन के साथ आवेदक से 2 हजार रुपए (अनारक्षित श्रेणी), 1 हजार रुपए (आरक्षित), C और D ग्रेड के लिए आवेदकों से 1200 रुपए (अनारक्षित) के साथ 600 रुपए (आरक्षित) श्रेणी के लिए फीस ली गई थी.
भविष्य के साथ न हो खिलवाड़- रूपांश राणा
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र संगठन एसएफआई से जुड़े रूपांश राणा ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा युवाओं की भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. चार साल पूरे होने के बावजूद भर्ती प्रक्रिया आगे ही नहीं बढ़ रही. उन्होंने कहा कि राज्य भर से 50 हजार से ज्यादा युवाओं ने बड़े अरमानों के साथ भर्ती के फॉर्म भरे थे. युवाओं को उम्मीद थी कि जल्द से जल्द इसकी परीक्षा होगी और उन्हें रोजगार मिल सकेगा. रूपांश राणा ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की इस तरह ढीली कार्यप्रणाली को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. वहीं, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार वीरेंद्र शर्मा ने कहा की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई नई एडवर्टाइजमेंट करने का प्लान नहीं है.ं
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