HP University Convocation: राष्ट्रपति के जाते ही व्यवस्था की खुली पोल, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय परिसर में लगा कूड़े का ढेर
Himachal Pradesh University News: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के बाद विवेकानंद भवन के सामने ही कूड़े का ढेर लग गया. यहां डस्टबिन की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी.
President Droupadi Murmu Shimla Visit: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शिमला प्रवास पर हैं. अपने प्रवास के दूसरे दिन राष्ट्रपति ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) के 26वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया. समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई. चूंकि समारोह में राष्ट्रपति ने शामिल होना था. ऐसे में व्यवस्था चाक-चौबंद थी. हर छोटी से छोटी चीज का विश्वविद्यालय प्रशासन ने विशेष ध्यान रखा हुआ था. आलम यह था कि राष्ट्रपति के सभागार में आने से पहले मंच पर हर पांच मिनट बाद सफाई कर्मचारी झाड़ू लगाने पहुंचता और फिर छोटे तिनकों को हाथ से समेटने के लिए पीछे एक और कर्मचारी को तैनात किया गया था. राष्ट्रपति की कुर्सी की दिशा से लेकर हर छोटी-बड़ी चीज का ध्यान रखा गया था.
अब इसमें कोई बुराई भी नहीं क्योंकि देश की संवैधानिक मुखिया आ रही थीं, तो हर चीज का ध्यान रखा ही जाना चाहिए था. लेकिन, समस्या तब खड़ी हुई जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विश्वविद्यालय परिसर से जाते ही प्रशासन की ओर से तैयार की गई रिफ्रेशमेंट कर्मचारियों और समारोह में शामिल होने वाले प्रतिभागियों को दी गई. इसके बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के विवेकानंद भवन के सामने ही कूड़े का ढेर लग गया.
स्टबिन की नहीं की गई थी व्यवस्था
विवेकानंद भवन के सामने हर कोई आता और खाने के बाद अपना खाली डिब्बा गेट के पास छोड़ जाता. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से डस्टबिन की कोई व्यवस्था भी नहीं की गई थी. क्या विश्वविद्यालय के कर्मचारी, क्या पुलिस के जवान और क्या समारोह में शामिल होने वाले अन्य गण मान्य? हर किसी ने अपना खाली डिब्बा गेट के सामने ही रख दिया.
नेताओं की आव-भगत में व्यस्त रहा विश्वविद्यालय प्रशासन
अब ऐसे में सवाल यह है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यक्रम के दौरान हर छोटी-बड़ी चीज का ख्याल रखने वाले प्रशासन ने आखिर राष्ट्रपति के जाते ही सारी व्यवस्थाओं को क्यों ताक पर रख दिया? राष्ट्रपति के जाने के बाद विश्वविद्यालय में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला के साथ शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, स्थानीय विधायक हरीश जनारथा और विश्वविद्यालय के आला अधिकारी मौजूद थे. बावजूद इसके राष्ट्रपति के जाते ही विश्वविद्यालय प्रशासन व्यवस्था भुलाकर नेताओं की आव-भगत में जुटा रहा.