Himachal Pradesh Politics: विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया का विपिन सिंह परमार पर पटलवार, सोच-समझकर बयानबाजी की दी नसीहत
Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बीजेपी विधायक विपिन सिंह परमार को मर्यादा में रहकर बयानबाजी करने की नसीहत दी है.
Himachal Pradesh Politics News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Assembly) के मौजूदा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया (Kuldeep Singh Pathania) और पूर्व अध्यक्ष विपिन सिंह परमार (Vipin Singh Parmar) द्वंद में आमने-सामने नजर आ रहे हैं. दोनों के बीच बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो चुका है. मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बीजेपी विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार को मर्यादा में रहकर बयानबाजी करने की नसीहत दी है. कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि विपिन सिंह परमार को सोच समझकर बयानबाजी करनी चाहिए.
दरअसल, बीते दिनों पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और सुलह विधानसभा क्षेत्र से विधायक विपिन सिंह परमार ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया पर कांग्रेस (Congress) के प्रवक्ता की तरह बयान देने के आरोप लगाए थे. विपिन सिंह परमार ने कहा था कि सुजानपुर राष्ट्रीय स्तरीय होली मेले में विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कांग्रेस के प्रवक्ता की तरह बयान दिया, जबकि विधानसभा अध्यक्ष राजनीतिक नहीं संविधानिक पद है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था.
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को सोच-समझकर बयानबाजी करने की नसीहत
इस पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि जब वे विधानसभा से बाहर निकलते हैं, तो वह एक राजनीतिक प्राणी हैं. बाहर जाकर वे किसी राजनीतिक दल से संबंध रखते हैं. यदि उनसे कोई सवाल पूछा जायेगा, तो वह मुंह बंद नहीं रख सकते. उन्होंने कहा कि विपिन सिंह परमार को सोच-समझकर बयानबाजी करनी चाहिए. वह विधानसभा के अध्यक्ष नहीं बल्कि सदन के सदस्य हैं.
परमार पर विधानसभा अध्यक्ष का तंज
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि विपिन सिंह परमार भी दो साल तक विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं. उनका कार्यकाल कैसा रहा, यह किसी से छिपा नहीं है. सब कुछ विधानसभा के रिकॉर्ड में मौजूद है. कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि स्पीकर के पास कई तरह के शक्तियां होती हैं. जब विधानसभा चलती है, तो नियम अलग होते हैं. जब वे चेंबर में बैठते हैं, तो उनके पास एडमिनिस्ट्रेटिव पावर होती है. शायद इसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि परमार भविष्य अगर इस तरह की बयानबाजी करते हैं, तो उन पर कार्रवाई भी की जा सकती है. इस बार वह उन्हें सिर्फ इसलिए छोड़ रहे हैं क्योंकि वह भी पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं.