Himachal Pradesh: पिता के पद चिन्हों पर चल रहे विक्रमादित्य सिंह, JOA-IT अभ्यर्थियों को मुलाकात के लिए बुलाया
लोगों के दु:ख-दर्द को समझ कर उसके समाधान की कोशिश करना विक्रमादित्य सिंह को पिता वीरभद्र सिंह के की तरह बनाता है.
शिमला: खुद को राजनीति का शिकार और अफसरशाही की मार का पीड़ित बताने वाले JOA-IT अभ्यर्थियों को लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने मुलाकात के लिए बुलाया है. विक्रमादित्य सिंह ने अभ्यर्थियों को सोमवार सुबह सचिवालय में आकर मिलने के लिए कहा है. सोशल मीडिया (Social Media) के जरिए विक्रमादित्य सिंह जनता और विशेषकर युवाओं के साथ सीधा संवाद करने में विश्वास रखते हैं. JOA-IT अभ्यर्थी अब विक्रमादित्य सिंह से मुलाकात कर अपनी परेशानी के बारे में बताएंगे. इससे पहले JOA-IT अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) से भी मुलाकात की थी.
पिता के पद चिन्हों पर चल रहे विक्रमादित्य सिंह
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के इस व्यवहार को लेकर लोग उनकी तुलना स्वर्गीय पिता वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) से कर रहे हैं. लोगों के दु:ख-दर्द को समझ कर उसके समाधान की कोशिश करना विक्रमादित्य सिंह को पिता वीरभद्र सिंह के की तरह बनाता है. विक्रमादित्य सिंह पिता वीरभद्र सिंह के पद चिन्हों पर आगे बढ़ रहे हैं. हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के सबसे युवा सदस्य विक्रमादित्य सिंह JOA-IT अभ्यर्थियों से मुलाकात कर उनकी समस्या के बारे में जानेंगे. वीरभद्र सिंह की राजनीति को करीब से देखने वाले लोग बताते हैं कि जब भी कोई फरियादी उनसे मुलाकात के लिए आता था, तो वीरभद्र सिंह न केवल समस्या का समाधान करते थे बल्कि फरियादी के रहने-खाने की व्यवस्था के बारे में भी पूछते थे. समस्या के समाधान के साथ फरियादी के रहने-खाने की व्यवस्था भी वीरभद्र सिंह खुद करवाया करते थे. JOA-IT अभ्यर्थी अपनी लटकी भर्ती को लेकर लंबे समय से संघर्षरत हैं. पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और अब लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह से मुलाकात के बीच इन अभ्यर्थियों को समस्या के समाधान की उम्मीद है.
JOA-IT भर्ती को कांग्रेस ने बनाया था मुद्दा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाया था. कांग्रेस ने अपने प्रतिज्ञा पत्र में युवाओं के लिए 680 करोड़ के स्टार्टअप लोन और पांच लाख रोजगार देने का वादा किया है. कांग्रेस के चुनाव प्रचार के दौरान JOA-IT भर्ती का मुद्दा भी जोरों शोरों से उठा था. खुद विक्रमादित्य सिंह ने भी अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने की बात कही थी. अब जबकि कांग्रेस पार्टी सत्ता में वापसी कर चुकी है. ऐसे में अपना वादा पूरा करते हुए कांग्रेस को इन अभ्यर्थियों को भी न्याय दिलाना है. JOA-IT अभ्यर्थी भी हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के सबसे युवा सदस्य विक्रमादित्य सिंह से उम्मीद लगाए बैठे हैं.
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