Water borne Diseases in Monsoon: हिमाचल प्रदेश में मानसून की एंट्री हो चुकी है. मानसून की एंट्री के बाद से ही प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश का क्रम लगातार जारी है. मानसून की एंट्री के साथ जल जनित रोगों की संभावना भी बढ़ जाती है. ऐसे में शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड ने इसे लेकर एडवाइजरी जारी की है, ताकि लोग इन बीमारियों से अपना बचाव कर सकें.


पीने से पहले पानी को उबालना जरूरी


मानसून के दौरान मानव शरीर संक्रमण से ग्रसित हो सकता है. बरसात के दौरान ज्यादातर बीमारियां जल जनित ही होती हैं. जल जनित रोगों में पीलिया और हैजा जैसे रोग फैलने का डर रहता है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि लोग स्वच्छ पानी ही पीएं . इसके लिए पानी को फिल्टर करना ही काफी नहीं होता, बल्कि बैक्टीरिया खत्म करने के लिए पानी को 10 मिनट तक उबालना भी जरूरी है.


लोगों के लिए एडवाइजरी जारी


शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड ने लोगों से अनुरोध किया है कि पानी को 10 मिनट उबालने के बाद ही पीएं, ताकि जल जनित रोगों से बचाव किया जा सके. शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के अधिकारी साहिल शर्मा ने बताया कि गंदगी (Turbidity in Water) अकेले स्वास्थ्य के लिए कोई प्रभाव नहीं डालती, लेकिन कीटाणुशोधन (Disinfection) में बाधा डाल सकती है. बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी के साथ हानिकारक रोगाणुओं को यह बढ़ने में मदद करती है. ऐसे में पानी उबालकर पीना बहुत जरूरी हो जाता है.


क्या होते हैं जल जनित रोग?


जल जनित रोग गंभीर और वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है. खासकर भारत में यह समस्या और भी ज्यादा गंभीर है, क्योंकि यह सालाना लगभग 37.7 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है. यह रोग सूक्ष्मजीवों या हानिरकारक केमिकल से दूषित पानी के सेवन से होते हैं. जल जनित रोगों के कारण दस्त, उल्टी, पेट में दर्द और बुखार जैसे लक्षण हो सकते हैं. 


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