Shimla News: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में गुरुवार को हिमस्खलन के कारण भारत-तिब्बत मार्ग एनएच-5 पर आवागमन ठप हो गया. इसके बाद सीमा सड़क संगठन (BRO) के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच एनएच-5 पर यातायात बहाल करने के प्रयास शुरू कर दिये हैं. अधिकारियों ने बताया कि किन्नौर (Kinnaur) जिले के पूह में टिंकू नाले के पास हिमस्खलन (Avalanche) हुआ है. अब सड़क एनएच-5 को फिर से खोलने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.


भारी बर्फबारी के कारण 256 सड़कों पर आवागमन ठप
बीआरओ के अधिकारियों ने बताया कि राज्य के अन्य हिस्सों में भी भारी बर्फबारी के कारण चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 256 अन्य सड़कों पर भी आवागमन ठप हो चुका है. रोहतांग दर्रे के पास एनएच-3, जालोरी दर्रे के पास एनएच-305, ग्राम्फू से लोसर तक एनएच-505 और पूह में एनएच-5 बर्फबारी के कारण बंद हो गए हैं.


लाहौल और स्पीति में सबसे अधिक परेशानी
उन्होंने बताया कि लाहौल और स्पीति में सबसे अधिक 137 सड़कों पर यातायात ठप है. उन्होंने बताया कि चंबा में 53, कुल्लू में 33, शिमला में 13, सिरमौर में छह, किन्नौर में पांच और मंडी में भी पांच सड़कों पर आवागमन बाधित है. इसके अलावा 1,024 बिजली ट्रांसफार्मरों को भी क्षति पहुंची है. 


राज्यभर में जारी है बारिश और बर्फबारी
इधर, मौसम विभाग के अनुसार गोंडला में 20 सेमी, कोठी में 12 सेमी, खदराला में 10 सेमी, केलांग में नौ सेमी, केलांग में आठ सेमी, कल्पा में सात सेमी, सांगला में सात सेमी, शिलारू और तिस्सा में 5-5 सेमी हिमपात हुआ है. हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश भी हो रही है. 88 मिमी बारिश के साथ खीरी राज्य का सबसे गीला स्थान रहा. सलोनी में 43 मिमी, धर्मशाला में 29 मिमी, संग्रह में 26 मिमी, जोगिंदरनगर में 24 सेमी, नादौन में 22 सेमी, मेहरे में 20 सेमी, जाटन बैराज और मंडी में 14 मिमी, गग्गल में 13 मिमी, घमरूर में 12 मिमी और बैजनाथ में 10 मिमी बारिश दर्ज की गई.


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मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट
मौसम विभाग ने 29 और 30 जनवरी को मध्य और ऊंची पहाड़ियों पर अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश और हिमपात तथा मैदानी इलाकों में आंधी और बिजली गिरने और ओलावृष्टि की 'येलो' चेतावनी जारी की है. विभाग ने राज्य में पश्चिमी विक्षोभ आने की आशंका जताते हुए 28 से 30 जनवरी तक क्षेत्र में बारिश होने की भी बात कही है. मौसम विभाग के अधिकारियों ने किसानों को जलभराव की आशंका वाले खेतों में सावधानी बरतने की सलाह दी है.