Himachal Weather: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं. जनवरी महीने में न के बराबर ही बारिश हुई है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक, जनवरी महीने में अब तक 100 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है. इससे पहले साल 2007 में 99 फीसदी तक कम बारिश हुई थी. ऐसे में साल 2004 के बाद उपलब्ध बीते 20 साल के आंकड़ों पर अगर नजर डाली जाए, तो हिमाचल प्रदेश में यह सबसे खराब हालात पैदा हो चुके हैं. बर्फबारी और बारिश न होने की वजह से किसान-बागवान भी खासे परेशान हैं.


मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पॉल ने बताया कि बीते लंबे वक्त से बर्फबारी और बारिश नहीं हो पा रही है. इसके पीछे की एक बड़ी वजह ग्लोबल पैटर्न में बदलाव आना है. मौसम को हवाओं का साथ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में लंबे वक्त से बारिश नहीं हुई है. डॉ. सुरेंद्र पॉल ने बताया कि आने वाले 10 दिनों में भी हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी और बारिश की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है.



25 जनवरी के बाद मौसम में बदलाव की संभावना


25 जनवरी के बाद कुछ इलाकों में बर्फबारी की संभावना जरूर नजर आ रही है. न सिर्फ हिमाचल प्रदेश में बल्कि हिमालय के बड़े हिस्से में लंबे वक्त से बर्फबारी नहीं हुई है. इसके अलावा मैदानी इलाके भी बारिश का इंतजार कर रहे हैं. बर्फबारी और बारिश न होने की वजह से शुष्क ठंड का प्रकोप भी लगातार बढ़ रहा है.


ग्लोबल पैटर्न में बदलाव के चलते नहीं हो रही बर्फबारी


डॉ. सुरेंद्र पॉल ने बताया कि पहाड़ों पर बर्फबारी और बारिश न होने की एक बड़ी वजह ग्लोबल पैटर्न भी है. बर्फबारी सर्दियों के मौसम में बर्फबारी के लिए अटलांटिक ओशियन से हवाएं आती हैं. पोल की ओर से ठंडी और ट्रॉपिक की ओर से गर्म हवा आने पर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होता है. इस बार पोल में हवा बेहद कम है और कम दबाव का क्षेत्रफल भी हावी है. कम दबाव के क्षेत्रफल के हावी रहने की वजह से हवाएं आगे की तरफ नहीं आ रही हैं. इसी वजह से पेसिफिक ओशियन में भी तापमान सामान्य से ज्यादा दर्ज किया जा रहे हैं.


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