Shimla : हिमाचल प्रदेश में ऊंचाई वाले इलाकों और आदिवासी इलाकों में एक बार फिर हल्की बर्फबारी हुई है. कधराला और गोंडला में क्रमश: तीन सेंटीमीटर और एक सेंटीमीटर बर्फबारी हुई है जबकि मध्य और निचले इलाकों में हल्की से लेकर मध्यम तक बारिश हुई है. मौसम विभाग के अनुसार पिछले सप्ताह हुई हल्की से लेकर भारी बारिश ने बारिश की कमी जो 15 मार्च को 86 प्रतिशत थी उसे 22 मार्च को घटाकर 54 प्रतिशत कर दिया है, क्योंकि राज्य में मार्च से लेकर अब तक 85.5 मिमी सामान्य बारिश के मुकाबले 39.1 मिमी बारिश हुई है.
सब्जियों की फसल के लिए फायदेमंद है बारिश
कृषि निदेशक राजेश कौशिक ने बताया कि सोलन और सिरमौर जिलों में सब्जियों की फसल के लिए बारिश फायदेमंद है, खासकर रोपाई के चरण में. उन्होंने कहा कि अनाज बनने के चरण के दौरान बारिश को गेहूं की फसल के लिए भी अच्छा माना जाता है. राज्य में 6.17 लाख मीट्रिक टन (मीट्रिक टन) के उत्पादन लक्ष्य के साथ 3.30 लाख हेक्टेयर में गेहूं का उत्पादन किया जा रहा है, जबकि 1,759 हजार मीट्रिक टन के उत्पादन लक्ष्य के साथ 82 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सब्जियों के जरिए कवर करने का प्रस्ताव है. राज्य में 1 जनवरी से 28 फरवरी तक कुल बारिश में लगभग 36 प्रतिशत की कमी देखी गई, जो पिछले साल दिसंबर के महीने में लगभग 100 प्रतिशत थी.
कम बारिश होने से रबी फसलों को नुकसान
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अपर्याप्त बारिश के कारण राज्य में कुल रबी फसलों का लगभग 10-15 प्रतिशत नुकसान हुआ है और वर्षा आधारित क्षेत्रों में सबसे अधिक 33 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई, इस दौरान सुंदरनगर में 34 मिमी, मंडी में 26 मिमी, डलहौजी में 24 मिमी, चौरी में 21 मिमी, नारकंडा में 19 मिमी, पालमपुर में 14 मिमी, धर्मशाला, पंडोह और नाहन में 13-13 मिमी बारिश हुई. कोठी व जंजैहली में 12-12 मिमी, गोहर में 11 मिमी, अघर, शिलारो, बंजार व करसोग में 10-10 मिमी. स्थानीय मौसम विज्ञान (MeT) कार्यालय ने 24 मार्च को ऊना, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सोलन सहित छह जिलों में आंधी, बिजली और ओलावृष्टि के लिए ऑरेंज चेतावनी जारी की है और राज्य के शेष छह जिलों में इसके लिए एक पीली चेतावनी जारी की है. इसने 28 मार्च तक क्षेत्र में बारिश की भी भविष्यवाणी की है.
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