Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सरकार में पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर पलटवार किया है. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी तो खुद ही भारतीय जनता पार्टी की टीम बी हैं. उन्होंने कहा कि वे हिमाचल प्रदेश के मुद्दों को नहीं समझते हैं और उनकी राजनीति सिर्फ एक समुदाय पर चलती है. 


उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार विकास की राजनीति करती है और यहां हर काम कानून के मुताबिक होता है. उन्होंने कहा कि यह मुद्दा मंदिर और मस्जिद का नहीं है, बल्कि इमारत के अवैध और वैध होने का है. उन्होंने कहा कि यहां पर अवैध रूप से निर्माण हुआ है और ऐसे में सरकार इस पर कानून के मुताबिक कार्रवाई करवाएगी. 


पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि इस पर असदुद्दीन ओवैसी को राजनीति करने की जरूरत नहीं है. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि वह उनका निजी तौर पर सम्मान करते हैं, लेकिन वे समुदाय विशेष की राजनीति करते हैं और उन्हें विकास से कोई लेना-देना नहीं है.


'हिमाचल में सांप्रदायिक राजनीति के लिए कोई जगह नहीं'


अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लंबे वक्त से मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं. यहां कभी कोई परेशानी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि अब अचानक से यहां बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि भारी राज्यों से आने वाले में हिंदू मुसलमान का भेद नहीं है, बल्कि यह सिर्फ सही तरह वेरिफिकेशन के साथ हिमाचल प्रदेश में आने की बात है. 


उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों और अन्य भारी राज्यों से यहां लोग आ रहे हैं. यही नहीं, कई दूसरे देशों के नागरिक भी यहां आ रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसकी भी जांच करवाई जाने की जरूरत है. उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में सांप्रदायिक राजनीति की कोई जगह नहीं है. असदुद्दीन ओवैसी को यह बात समझनी चाहिए.


सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा था?


एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- 'क्या हिमाचल की सरकार बीजेपी की है या कांग्रेस की? हिमाचल की “मोहब्बत की दुकान” में नफरत ही नफरत! ये वीडियो में हिमाचल का मंत्री बीजेपी की ज़ुबान में बोल रहा है. हिमाचल के संजौली में मस्जिद बनाई जा रही है, उसके निर्माण को लेकर कोर्ट में केस चल रहा है. संघियों के एक झुंड ने मस्जिद को तोड़ने की मांग की है. संघियों के सम्मान में, कांग्रेसी मैदान में हैं. 


भारत के नागरिक मुल्क के किसी भी हिस्से में रह सकते हैं, उन्हें “रोहिंग्या” और “बाहरी” बुलाना देश विरोधी है. प्रेमचंद से क्षमा चाहता हूं, लेकिन "सांप्रदायिकता को खुल कर आने में लज्जा आती है, इसलिए वह कांग्रेस का शॉल ओढ़कर आती है".


शिमला में मस्जिद को लेकर ओवैसी ने कांग्रेस को घेरा तो विक्रमादित्य सिंह बोले, 'नफरत की नहीं, बल्कि...'