Himachal Rescue Operation: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन के बाद राहत-बचाव कार्यों में तेजी लाई गई. सबसे ज्यादा प्रभावित कुल्लू और लाहौल-स्पीति में फंसे पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए पिछले लगभग 60 घंटे तक बचाव अभियान चलाया गया. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कुल्लू और मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वे तीन दिनों तक कुल्लू, लाहौल-स्पीति और मंडी में प्रभावित क्षेत्रों का दौरे पर रहे. उन्होंने कहा कि कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिला के विभिन्न स्थानों पर लगभग 70 हजार पर्यटक और अन्य लोग फंसे हुए थे. इनमें से 60 हजार लोगों की सुरक्षित वापसी की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि इस बचाव अभियान में एक हजार कर्मचारी और अधिकारियों ने चौबीसों घंटे युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए इसे संभव बनाया.



ऑपरेशन चंद्रताल भी रहा सफल


इस विपदा में सबसे चुनौतीपूर्ण बचाव अभियान के तहत लाहौल-स्पीति के चन्द्र ताल में फंसे पर्यटकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई है. लैंडिंग स्थल उपलब्ध न होने के कारण यहां वायुसेना के लिए हेलीकॉप्टर उतारना संभव नहीं था. प्रदेश सरकार की ओर से राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी बचाव अभियान की निगरानी के लिए भारी बर्फबारी के बीच शून्य से नीचे तापमान में तीन जेसीबी मशीनों के साथ रात दो बजे ग्राउंड जीरो पर पहुंचे. इसके बाद 57 गाड़ियों से 307 पर्यटकों को वहां से सुरक्षित काजा लाने के साथ ही यह अभियान पूरा हुआ. उन्होंने अभियान से जुड़े सभी लोगों का उनके सक्रिय सहयोग और अथक प्रयासों के लिए आभार भी व्यक्त किया.






9 पर्यटकों को अपने साथ लाए सुक्खू 


वीरवार शाम सांगला घाटी में फंसे 118 पर्यटकों को वायुसेना की मदद से सुरक्षित निकालने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नौ अन्य पर्यटकों को अपने साथ हेलीकाप्टर में शिमला तक लेकर आए. सांगला घाटी में फंसे विदेशी नागरिकों ने राहत एवं बचाव अभियान के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने खुद इजरायली नागरिक ताली और न्यूजीलैंड के हेलन और चैस्टर दंपत्ति से संवाद भी किया. मुख्यमंत्री ने अपने सांगला दौरे के दौरान प्रभावितों को एक-एक लाख रुपये की त्वरित राहत प्रदान करने की घोषणा की. इसके अलावा घर बनाने के लिए उन्हें तबादले पर भूमि उपलब्ध करवाने का विकल्प भी दिया जाएगा.