Shimla Landslide: हिमाचल में कुदरत का कहर, 'दफ्तर का कैश लेकर दो मिनट में आए' लेकिन फिर वापस नहीं लौटे राजू-सोनू
Shimla: स्लॉटर हाउस का मैनेजर राजू अपने सहयोगी कर्मचारी सोनू के साथ यह कहकर अंदर गया कि वह कंपनी का कैश लेने जा रहा है. तब तक उसने अन्य कर्मचारियों को इमारत के नीचे से गाड़ियां हटाने के लिए कहा.
Shimla News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में बारिश ने भारी तबाही मचाई है. प्रदेश में हुई बारिश की वजह से राजधानी शिमला (Shimla) में तबाही का मंजर देखने को मिला. यहां कृष्णा नगर (Krishna Nagar) में भूस्खलन की वजह से तीन इमारतें भर-भराकर नीचे गिर गई. इमारत को पहले ही गिरने के खतरे की आशंका के चलते खाली करवा लिया गया था. बावजूद इसके यहां शिमला स्लॉटर हाउस में काम करने वाले मैनेजर राजू और कर्मचारी सोनू की मौत हो गई.
दरअसल, जैसे ही इमारत को खतरा नजर आया. वैसे ही स्थानीय प्रशासन ने पार्षद बिट्टू कुमार के कहने पर आसपास की इमारत को खाली करवा लिया था. शिमला स्लॉटर हाउस का मैनेजर राजू अपने सहयोगी कर्मचारी सोनू के साथ यह कहकर अंदर गया कि वह कंपनी का कैश लेने जा रहा है. तब तक उसने अन्य कर्मचारियों को इमारत के नीचे से गाड़ियां हटाने के लिए कहा. राजू ने कहा कि वह सिर्फ दो मिनट में ही वापस लौट आएगा, लेकिन फिर राजू और सोनू कभी वापस नहीं लौटे. मिले तो उनके क्षत-विक्षत शव.
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में तबाही थमने का नाम नहीं ले रही है. राजधानी शिमला के लालपानी इलाके में पेड़ गिरने और जमीन धंसने से स्लॉटर हाउस और अन्य इमारतें चपेट में आ गई. देखते ही देखते यह इमारत धराशाई हो गई.#shimla #HimachalPradesh #HimachalFloods pic.twitter.com/42RyCC5224
— Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) August 15, 2023
रेस्क्यू टीम को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी
मलबे में मिले एक शव की हालत तो इतनी खराब थे कि रेस्क्यू टीम को उसका केवल सिर ही मिला. मृतक का शरीर ढूंढने के लिए रेस्क्यू टीम को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. राजू और सोनू का शव देखकर मौके पर मौजूद लोगों के भी रोंगटे खड़े हो गए. स्लॉटर हाउस में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि मैनेजर राजू इस बात को लेकर चिंतित था कि वह आखिर कंपनी के इस कैश का हिसाब कैसे दे सकेगा?
दो मिनट में तबाह हो गई जिंदगी
राजू और सोनू की छोटी सी गलती ने ही उन दोनों की जान ले ली. सिर्फ दो मिनट के लिए कंपनी का कैश लेने के लिए अंदर गए दोनों ही कर्मचारी काल का ग्रास बन गए. स्थानीय प्रशासन ने खतरे के चलते पहले ही इमारत को खाली करवा लिया था. कृष्णा नगर की साथ लगती इमारत से लोग चिल्ला-चिल्ला कर बाहर आने के लिए आगाह करते रहे, लेकिन बावजूद इसके राजू और सोनू बाहर नहीं निकल सके.