Himachal Rajya Sabha Election Update: कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) की ओर से दायर राज्यसभा चुनाव रद्द करने वाली याचिका के मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने राज्यसभा चुनाव रद्द करने वाली याचिका के खिलाफ डाली गई सांसद हर्ष महाजन (Harsh Mahajan) की डिस्मिसल एप्लीकेशन की पिटीशन खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने सांसद हर्ष महाजन को 2 सप्ताह में रिप्लाई फाइल करने के आदेश भी दिए हैं.


अभिषेक मनु सिंघवी ने हिमाचल प्रदेश की एक सीट पर हुए राज्यसभा चुनाव में ड्रा ऑफ लॉट्स नियम को चुनौती देते हुए को हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा का चुनाव हारने के बाद अभिषेक मनु सिंघवी को कांग्रेस ने तेलंगाना से अपना प्रत्याशी बनाया था. अब वे तेलंगाना से राज्यसभा सांसद बन चुके हैं. सिंघवी कांग्रेस नेता होने के साथ सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील भी हैं. इससे पहले उनके आम आदमी पार्टी से भी राज्यसभा जाने की चर्चा थी, लेकिन आम आदमी पार्टी अपने किसी सांसद से सीट खाली नहीं करवा सकी थी.

 

एक राज्यसभा सीट पर 27 फरवरी को हुए था चुनाव

हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर 27 फरवरी को चुनाव हुआ. नियमों के मुताबिक, विधानसभा के सदस्यों ने राज्यसभा चुनाव की वोटिंग में भाग लिया. सभी 68 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में वोट डाले. विधानसभा में कांग्रेस का बहुमत होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हर्ष महाजन ने राज्यसभा सांसद के तौर पर जीत हासिल कर ली.

 

दरअसल, कांग्रेस के छह विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की. इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायकों ने भी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी का साथ दिया. चूंकि राज्यसभा चुनाव में पार्टी का व्हिप भी लागू नहीं होता. ऐसे में कांग्रेस विधायकों ने खुलकर बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में वोट किया. कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों का वोट बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में जाने की वजह से वोटों की संख्या 34-34 हो गई. यानी कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को भी 34 और बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन को भी 34 वोट मिले.

 

ड्रॉ ऑफ लॉट्स नियम के तहत पूरा हुआ चुनाव

दोनों पक्षों को 34-34 वोट मिलने के बाद चुनाव आयोग ने यहां राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए ड्रॉ ऑफ लॉट्स नियम का इस्तेमाल किया. ड्रॉ ऑफ लॉट्स नियम के तहत दोनों प्रत्याशियों के नाम पर्ची में लिखे गए. इसके बाद नियमों के मुताबिक जिस प्रत्याशी का नाम पर्ची में आया, वह चुनाव हार गया. इसका यही नियम है. जिसका नाम पर्ची में आता है, वह चुनाव हार जाता है. इस पर्ची में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अभिषेक मनु सिंह जी का नाम आया और वे चुनाव हार गए.

 

उस समय अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी हार स्वीकार की, लेकिन बाद में उन्होंने इस नियम को चुनौती देते हुए कोर्ट में याचिका दायर की. इसी याचिका पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है.