Himachal Road Transport Corporation: हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के जो ड्राइवर-कंडक्टर आपको एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के काम में दिन-रात जुटे रहते हैं, उन्हें निगम प्रबंधन समय पर तनख्वाह ही नहीं दे रहा है. रात के अंधेरे में अपने घर-परिवार से दूर रहकर यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाले ड्राइवर-कंडक्टर बीते 40 महीने से अपने नाइट ओवरटइम का इंतजार कर रहे हैं. अधिकारियों को चिंता इसलिए भी ज्यादा नहीं है क्योंकि उनका वेतन तो महीने की पहली तारीख को ही खाते में पहुंच जाता है.


एचआरटीसी के 11 हजार कर्मचारियों को अप्रैल महीने के 10 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक वेतन नहीं मिल सका है. वेतन न मिलने की वजह से एचआरटीसी कर्मचारी बेहद परेशान हैं. एक तरफ एचआरटीसी को हिमाचल प्रदेश के हर इलाके को जोड़ने के लिए जाना जाता है, लेकिन आम जनता को घर-द्वार पर सेवा दे रहे यह ड्राइवर-कंडक्टर बेहद परेशान हैं. हालात यह है कि कर्मचारी अपने घर का खर्चा और स्कूल में बच्चों की फीस तक नहीं दे पा रहे हैं.


बीते 40 महीने से नहीं मिला है नाइट ओवरटाइम


एचआरटीसी चालक परिषद के अध्यक्ष मान सिंह ने कहा कि अप्रैल महीने की 10 तारीख होने के बावजूद अब तक कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है. इसके अलावा कर्मचारी नाइट ओवरटाइम की भी मांग कर रहे हैं. एचआरटीसी ने अब तक बीते 40 महीनों से इसका भुगतान नहीं किया है. मान सिंह ने कहा कि एक तो प्रबंधन की ओर से चालकों को सिर्फ 130 रुपये ओवर टाइम दिया जाता है. इतना कम ओवरटाइम भी ड्राइवर कर्मचारियों को नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि निगम प्रबंधन और सरकार के इस रवैया से कर्मचारी बेहद परेशान है. उन्होंने कहा कि इस महीने तो वे वेतन के लिए आने वाले तीन-चार दिनों तक इंतजार करेंगे, लेकिन अगले महीने से उन्हें सही समय पर वेतन मिलना चाहिए.


समय पर वेतन नहीं मिला तो थामेंगे एचआरटीसी के पहिए


मान सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने वक्त पर कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया, तो एचआरटीसी कर्मचारी यातायात व्यवस्था को बंद करने से भी गुरेज नहीं करेंगे. मान सिंह ने कहा कि उन्होंने सरकार से मिलने की भी कोशिश की, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से उन्हें वक्त नहीं मिला. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मिलने का समय तो दिया, लेकिन घंटों तक बिठा कर रखा. उन्होंने कहा कि एचआरटीसी के चालक-परिचालक बेहद परेशान हैं. कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा. दिन-रात मेहनत करने के बावजूद कर्मचारी अपने घर-परिवार का गुजर-बसर करने में नाकाम हैं. उन्होंने कहा कि एचआरटीसी की बसें भी लगातार घाटे में जा रही हैं, जिसकी जिम्मेदार खुद सरकार है.


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