Himachal News: HRTC बस में अब दिव्यांगों के लिए आरक्षित होगी 10-11 नंबर सीट, इस वजह से किया गया बदलाव
HRTC Bus News: हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में 10-11 नंबर सीट दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित होगी. एचआरटीसी प्रबंधन ने यह फैसला लिया है. इससे दिव्यांगों को यात्रा के दौरान सुविधा मिलेगी.
Divyang Seat In HRTC Bus: हिमाचल पथ परिवहन निगम की सभी साधारण बसों में दिव्यांगजनों के लिए अब 10 और 11 नंबर सीट आरक्षित होगी. इससे पहले दिव्यांगजनों के लिए दो और तीन नंबर सीट आरक्षित होती थी. हिमाचल पथ परिवहन निगम प्रबंधन ने सीट में बदलाव करने का यह फैसला लिया है. इससे दिव्यांगजनों को सुविधा मिल सकेगी.
दरअसल, दो और तीन नंबर सीट ड्राइवर के केबिन के पास होती है. ऐसे में दिव्यांगजनों को यहां बैठने में परेशानी का सामना करना पड़ता था. यही वजह रही निगम प्रबंधन ने सीटों के नंबर में बदलाव किया है. अब दिव्यांगजन बस के अगले दरवाजे के ठीक पीछे 10 और 11 नंबर सीट पर बैठ सकेंगे. इससे दिव्यांगजनों को बैठने में आसानी होगी.
ड्राइवर-कंडक्टर से कही गई ये बात
हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित सीटों में बदलाव किया गया है. इसके आदेश क्षेत्रीय प्रबंधकों को भी दे दिए गए हैं. सभी बसों में 10 और 11 नंबर सीट के ठीक ऊपर 'दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित' भी लिखवा लिया जाएगा, ताकि दिव्यांग यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े. उन्होंने कहा कि निगम प्रबंधन दिव्यांगजनों को सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है. सभी ड्राइवर-कंडक्टर को संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करने के लिए भी कहा गया है.
आम लोगों में भी संवेदनशीलता जरूरी
वहीं, हिमाचल प्रदेश में दिव्यांगजन के अधिकार के नोडल अधिकारी और लंबे वक्त से दिव्यांगों के हित और अधिकार के लिए काम कर रहे प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि निगम प्रबंधन का दिव्यांगजनों के बारे में सोचना स्वागत का विषय है. उन्होंने कहा कि आम लोगों में भी संवेदनशीलता होना जरूरी है. दिव्यांगों को न केवल उनके लिए आरक्षित सीटों पर बैठने का अधिकार है, बल्कि अन्य लोगों को भी संवेदनशीलता दिखाते हुए दिव्यांगों को सीट देनी चाहिए.
अजय श्रीवास्तव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ज्यादातर लोग काफी संवेदनशील हैं. बावजूद इसके दिव्यांगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. दिव्यांगजनों को आगे बढ़ाने और उनकी उन्नति के लिए समाज का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि लोगों को दिव्यांगों को बेचारा और मजबूर नहीं समझना चाहिए. वे भी समाज का ही अभिन्न हिस्सा हैं.
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