Himachal News: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) की सरकार बने अभी सिर्फ सात महीने का ही वक्त बीता है. लेकिन, सरकार की परेशानी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. एक के बाद एक परेशानी सरकार का दरवाजा आकर ठकठका रही है. नई परेशानी और किसी ने नहीं बल्कि सचिवालय में काम करने वाले कर्मचारी ने ही खड़ी कर दी है. मंगलवार को कैबिनेट बैठक के दौरान कर्मचारियों ने सचिवालय में जुट कर प्रदर्शन किया.


अपने चाहने वालो को सचिवालय में एडजस्ट करने की हो रही कोशिश
सेक्रेटेरिएट सर्विस एसोसिएशन का कहना है कि सरकार आर एंड पी रूल में खिलाफ काम करने की कोशिश कर रही है. सरकार की ओर से बैकडोर एंट्री करवाई जा रही है सचिवालय में बाहरी दूसरे विभागों से कर्मचारियों को लाकर एडजस्ट करने की कोशिश की जा रही है, जो सरासर गलत है. कर्मचारियों का कहना है कि यह R&P रूल्स, 2015 के खिलाफ है. एसोसिएशन के प्रधान भूपेंद्र ने कहा कि सरकार कैबिनेट में इस तरह की चर्चा कर रही है. सचिवालय में कर्मचारियों के 600 पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार इन्हें नहीं भर रही. इस बीच सरकारी विभागों से सेक्रेटेरिएट में अपने चहेतों को एडजस्ट करने की कोशिश कर रही है.


ई-ऑफिस के नाम पर हो रहा मजाक
प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी नेता राजेंद्र मियां ने कहा कि सरकार एक ओर ई-ऑफिस की बात कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ बड़े अधिकारी अपने कमरों में फाइल लेकर बुला रहे हैं. कर्मचारी जब अफसरों को यह बताते हैं कि उन्होंने ई-ऑफिस में फाइल जमा कर दी है, तो अफसर कहते हैं कि वे ई-ऑफिस इस्तेमाल नहीं करते. फाइल तो दफ्तर में ही लानी पड़ेगी. इसके अलावा कर्मचारियों ने राज्य सचिवालय के बाहर सोमवार को हुए अभ्यर्थियों के प्रदर्शन मामला भी उठाया. उन्होंने कहा कि युवा राज्य सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं और परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग कर रहे हैं. यह कुल 62 पोस्ट हैं. अगर सरकार उन्हें भरती है, तो सचिवालय का बोझ कम होगा. कर्मचारियों ने दी है कि सरकार अन्य विभागों के कर्मचारियों की नियुक्ति सचिवालय में आने वाले वक्त में कर्मचारी आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे.


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