हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी के लिए गठित कमेटी की जल्द होगी बैठक, क्या है इसका काम?
Himachal News: हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी के लिए कमेटी का गठन किया गया है. जल्द ही इसकी पहली बैठक होने जा रही है.
Himachal Pradesh Street Vending Policy: हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी के लिए कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की ओर से गठित की गई है. कमेटी में सात सदस्य शामिल हैं. इनमें चार सत्तापक्ष और तीन विपक्ष के सदस्य हैं.
कमेटी की पहली बैठक तीन अक्टूबर को होने जा रही है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इस कमेटी का गठन किया था. इसके बाद यह पहली बार है, जब कमेटी की बैठक होगी. बैठक की अध्यक्षता कमेटी के अध्यक्ष उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान करेंगे.
क्या है सात सदस्यों वाली कमेटी का काम?
इस कमेटी का काम हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी के लिए सिफारिश देना है. इन सिफारिशों को पहले हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सत्र के दौरान पेश किया जाएगा. संभवत: विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान इसकी रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी जा सकती है. सिफारिश को अंतिम मंजूरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाला मंत्रिमंडल देगा.
क्यों हुआ है कमेटी का गठन?
दरअसल, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में जब मस्जिद को लेकर विवाद हुआ, तो उसके बाद स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी को मजबूत करने की बात सामने आई. आम लोगों का आरोप था कि हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों से लोग आकर लोग रेहड़ी-फड़ी लगाते हैं और अपनी वेरिफिकेशन भी सही तरह से नहीं करवाते.
इसके बाद ही विधानसभा में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से आग्रह किया था कि वह इस संबंध में कमेटी का गठन करें. इसके बाद ही विधानसभा अध्यक्ष ने सात सदस्यों वाली कमेटी का गठन किया था.
सात सदस्यों वाली कमेटी ने कौन-कौन है शामिल?
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी के लिए गठित कमेटी संसदीय कार्य एवं उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान अध्यक्ष हैं. ग्रामीण विकास एवं पंचायती मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, बीजेपी विधायक अनिल शर्मा, बीजेपी विधायक सतपाल सिंह सत्ती, बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा और कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा इस समिति के सदस्य हैं.
यह समिति इस मामले में प्रदेश सरकार को अपनी सिफारिशें देने से पहले स्टेकहोल्डर के सुझावों की भी समीक्षा करेगी. हिमाचल मंत्रिमंडल की ओर से इन सिफारिशों का गहनता से विचार के बाद ही फैसला लिया जाएगा.
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