Himachal Pradesh News Toady: हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के साथ ज्ञापन समझौता (MoU) साइन किया है. इस MoU के मुताबिक, राज्य में पहले चरण में 48 ऑटोमेटिक स्थापित किए जाएंगे. 


इसकी मदद से मौसम से जुड़े पूर्वानुमान और तैयारियों के लिए रियल टाइम डाटा उपलब्ध होगा. विशेषतौर पर इससे कृषि और बागवानी में मदद मिलेगी. इसके बाद चरणबद्ध तरीके से ब्लॉक स्तर पर इस तंत्र को स्थापित किया जाएगा. 


मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश में आईएमडी के 22 ऑटोमेटिक मौसम केंद्र काम कर रहे हैं. इस केंद्रों के स्थापना से किसानों सहित आम लोगों को भी मदद मिलेगी.


सीएम सुक्खू ने क्या कहा?
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मौसम केंद्रों का यह मैकेनिज्म स्थापित होने से प्रदेश में पूर्व चेतावनी प्रणाली और आपातकालीन स्थिति जैसे अत्याधिक बारिश, बाढ़ और बादल फटने जैसी घटनाओं का बेहतर तरीके से प्रबंधन सुनिश्चित होगा. 


इससे हिमाचल प्रदेश में आपदा से पहले ही प्रबंधन करने के लिए मदद मिल सकेगी और जानी नुकसान को काम किया जा सकेगा.


'आपदा प्रबंधन तंत्र को भी मिलेगी मदद'
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह परियोजना राज्य में बेहतर आपदा प्रबंधन तंत्र स्थापित करने में मददगार साबित होगी. इस परियोजना के तहत प्रदेश में बुनियादी अधोसंरचना, प्रशासन और संस्थागत क्षमता के सुदृढ़ीकरण पर विशेष बल दिया जाएगा. 


उन्होंने कहा कि इस धनराशि का इस्तेमाल हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA), जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA), राज्य और जिला आपातकालीन संचालित केंद्रों को मजबूत करने में किया जाएगा.


एएफडी प्रोजेक्ट के लिए मिलेंगे 890 करोड़
हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में प्राकृतिक आपदाओं के अर्ली वार्निंग सिस्टम के तहत जलवायु परिवर्तन की संवेदनशीलता के आकलन के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को विकसित किया जाएगा. 


प्रदेश सरकार की विस्तृत आपदा और क्लाइमेट रिस्क रिडक्शन प्रोजेक्ट (Climate Risk Reduction Project) के लिए फ्रांस की एजेंसी एएफडी के साथ सहमति बनी है. इसके तहत एएफडी परियोजना के लिए 890 करोड़ रुपये मिलेंगे.


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