Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश पर कर्ज का बढ़ता बोझ सभी के लिए चिंता का विषय है. कम संसाधनों वाले हिमाचल प्रदेश को अपने विकास की गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए कर्ज का सहारा लेना ही पड़ता है. आलम यह है कि हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए भी कर्ज लेने की जरूरत पड़ जाती है.


हिमाचल प्रदेश के बजट का एक बड़ा हिस्सा भी वेतन और पेंशन देने पर ही खर्च हो रहा है. राज्य में बेरोजगारी की समस्या भी बढ़ रही है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वित्तीय कुप्रबंधन के लिए पूर्व में रही भारतीय जनता पार्टी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. 


CM सुक्खू का बीजेपी पर निशाना 


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त बिजली, पानी और बस परिवहन के वायदे किए गए. उन्होंने कहा कि चुनावों से महज कुछ दिन पहले बिना किसी बजट प्रावधान के 900 संस्थानों को खोलने और अपग्रेड करने के फैसले लिए गए. इससे शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों पर नकारात्मक असर पड़ा. मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने लोगों को सुविधाएं देने के बजाय राजनीति की. इससे राज्य के संसाधनों को नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए कांग्रेस सरकार राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोल रही है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को साल 2027 तक आत्मनिर्भर और साल 2032 तक समृद्ध राज्य बनाने के लिए सरकार पूरी गंभीरता के साथ काम कर रही है.


देहरा में सीएम ऑफिस का लोकार्पण


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला कांगड़ा के देहरा में सीएम ऑफिस और एस.पी.ऑफिस का लोकार्पण किया. देहरा विधानसभा क्षेत्र मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर का गृह विधानसभा क्षेत्र है. वे यहां से उपचुनाव जीती हैं. एसपी ऑफिस खोलने का फैसला सुक्खू कैबिनेट की बैठक में उपचुनाव से पहले किया गया था. इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विकास में देहरा विधानसभा क्षेत्र के पिछड़ जाने की वजह यहां ज्यादा ध्यान देने की जरूरत थी.


पहले ऐसा कहा जाता था कि देहरा कोई नहीं तेरा, लेकिन देहरा में विधानसभा उपचुनाव के दौरान मैंने कहा था कि देहरा अब है मेरा. देहरा के लोगों ने विधानसभा उपचुनाव के दौरान यहां से कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी कमलेश ठाकुर को विजयी बनाया. देहरा और यहां के लोगों का विकास प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है. इसी के चलते यहां मुख्यमंत्री कार्यालय खोला गया है. मुख्यमंत्री कार्यालय से कुछ अधिकारी और कर्मचारी यहां तैनात किए जाएंगे और लोगों को अपने कार्य के लिए शिमला नहीं आना पड़ेगा'.


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