Himachal: सुक्खू सरकार फिर लेगी एक हजार करोड़ रुपए का लोन, पूरी होने वाली है कर्ज की सालाना लिमिट
HP News: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार एक बार फिर एक हजार करोड़ रुपए का लोन लेने जा रही है. इस बाबत अधिसूचना जारी हो गई है.
Himachal Pradesh Debt: हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक दलों के बीच कर्ज को लेकर चाहे जितनी बयानबाजी होती रहे, लेकिन सच्चाई यह है की पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की गाड़ी बिना लोन के आगे नहीं बढ़ती है. हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार एक बार फिर एक हजार करोड़ रुपए का लोन लेने जा रही है. इस बाबत अधिसूचना भी जारी हो गई है. हिमाचल सरकार दो किस्तों में यह लोन लेगी. यह लोन क्रमशः 10 और 15 साल की अवधि के लिए होगा. इस संबंध में वित्त विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजीम की ओर से अधिसूचना जारी हुई है.
85 हजार करोड़ रुपए का कर्ज
10 साल की अवधि वाली 500 करोड़ रुपए की किश्त हिमाचल प्रदेश सरकार के खाते में 17 जनवरी को आ जाएगी. यह लोन 17 जनवरी, 2034 तक चुकाया जाना है. वहीं, दूसरी किस्त जनवरी, 2039 तक सरकार को चुकानी होगी. एक हजार करोड़ रुपए का नया लोन प्रदेश सरकार के खाते में आ जाने के बाद सरकार पर हिमाचल प्रदेश पर 85 हजार करोड़ रुपए से अधिक का लोन हो जाएगा. इससे पहले राज्य सरकार ने 15 दिसंबर को 1 हजार 200 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था.
कर्ज की लिमिट सालाना 6600 करोड़ रुपए
हिमाचल प्रदेश सरकार को सामान्य खर्च चलाने के लिए भी लोन लेना पड़ रहा है. बता दें कि साल 2023-24 में राज्य सरकार के पास कर्ज की लिमिट 6 हजार 600 करोड़ रुपए है. नया लोन मिलाकर यह कर्ज 6 हजार 300 करोड़ रुपए हो जाएगा. अब राज्य सरकार मार्च महीने तक कर 300 करोड़ रुपए का ही लोन ले सकेगी. इसके बाद राज्य सरकार की कर्ज लेने के लिमिट पूरी हो जाएगी.
हिमाचल सरकार है 85 हजार करोड़ का कर्ज
हिमाचल प्रदेश में प्रतिव्यक्ति पर 1 लाख रुपये कर्ज है. जब एक साल पहले हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी. प्रदेश का सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू चुने गए थे. जब सीएम सुक्खू ने कार्यभाल संभाला, उस समय हिमाचल प्रदेश पर 76 हजार करोड़ का लोन था. अब 85 हजार करोड़ से ज्यादा हिमाचल प्रदेश पर कर्ज का बोझ है. विगत 14 माह में कांग्रेस सरकार ने 13 हजार करोड़ रुपये केंद्र से कर्ज ले चुकी है. सरकारी कर्मचारियों का 10 हजार करोड़ रुपये का भुगतान भी पेंडिंग हैं. इसके अलावा, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के पे-कमीशन एरियर का भुगतान भी बाकी है.