Himachal Pradesh News: एक तरफ हिमाचल प्रदेश विश्व भर में अपनी पहचान पर्यटन राज्य के तौर पर स्थापित करना चाह रहा है. दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम आर्थिक बदहाली के आंसू रो रहा है. यहां साल 1972 में बने पर्यटन विकास निगम की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. इसके लिए हाल ही में हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से एक कमेटी का गठन किया गया है.


यह कमेटी पूर्व आईएएस तरुण श्रीधर की अध्यक्षता में बनाई गई है. इस कमेटी का काम हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम को आर्थिक बदहाली से बाहर निकालना है. हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने आर्थिक बदहाली को खत्म करने की कवायद तेज की है. इसके लिए आम लोगों से सुझाव मांगे गए हैं. निगम आम जनता से यह जानना चाहता है कि नई ऊंचाईयों पर जाने के लिए संचालन को किस तरह बेहतर किया जा सकता है.


जनता यहां भेज सकती है अपना सुझाव
ऐसे में आम लोग अपने सुझाव ई-मेल आईडी suggests.hptdc@gmail.com पर भेज सकते हैं. पर्यटन विकास निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि जनता की भागीदारी को निगम सराहता है. वित्तीय प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए आम लोगों के ओर से दिए गए सुझावों की समीक्षा की जाएगी.


बता दें हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम का गठन साल 1972 में हुआ था. पर्यटन विकास निगम की राज्य में एक होटल और रेस्टोरेंट की बड़ी श्रृंखला है. इसमें 56 होटल शामिल हैं. इन 56 होटलों में 1 हजार 111 कमरे हैं.  हिमाचल पर्यटन विकास निगम 64 रेस्टोरेंट और कैफे भी चलता है, जहां हिमाचली व्यंजनों के साथ खाने की बेहतरीन डिश उपलब्ध होती है.


हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के हर होटल और रेस्टोरेंट खूबसूरत लोकेशन पर है, लेकिन निगम को हो रहा नुकसान चिंता का विषय बना हुआ है. निगम के 35 होटल घाटे में चल रहे हैं. पर्यटन विकास निगम के सिर्फ 20 होटल ही फायदे का सौदा कर रहे हैं. घाटे में चल रहे निगम के होटल की संख्या 63 फीसदी से ज्यादा है. इससे पहले पर्यटन विकास निगम के 56 फीसदी होटल नुकसान में थे. अब इस नुकसान में सात फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है. 


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