Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन का प्रदर्शन गुरुवार को भी जारी रहा. यह वोकेशनल शिक्षकों के धरना प्रदर्शन का चौथा दिन है. एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार जब तक उन्हें लिखित आश्वासन नहीं देती है, तब तक वह धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे.
हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी ढटवालिया ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से अब तक उन्हें वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया है. न ही विभाग की ओर से उन्हें बात करने के लिए आमंत्रित किया गया. ऐसे में वे स्पष्ट करना चाहते हैं कि जब तक राज्य सरकार उन्हें लिखित आश्वासन नहीं देगी, तब तक वह इसी तरह धरना जारी रखेंगे.
शिक्षकों को राज्य सरकार पर भरोसा
हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी ढटवालिया का कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर विश्वास है. इससे पहले भी राज्य सरकार में कर्मचारियों के हित में फैसले लिए हैं. ऐसे में वे भी यही चाहते हैं कि राज्य सरकार उनके हित में फैसला लें. राज्य सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह 2 हजार 174 शिक्षकों के साथ हैं या फिर चंद निजी कंपनियों के साथ.
कंपनियों के शोषण की खिलाफ प्रदर्शन
इससे पहले बुधवार को दोपहर के वक्त यहां वोकेशनल टीचर्स ने पहले तो राहगीरों के जूते पॉलिश किए. इसके बाद सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों को साफ किया. हिमाचल प्रदेश में निजी कंपनियों के शोषण के खिलाफ वोकेशनल शिक्षक धरने पर बैठे हैं. यह धरना हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले हो रहा है.
हिमाचल प्रदेश के करीब 1 हजार 100 स्कूलों में बच्चों को स्किल एजुकेशन दे रहे यह शिक्षक बीते करीब 11 सालों से कंपनी के शोषण से परेशान होकर अब सड़कों पर बैठने के लिए मजबूर हुए हैं. हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन की मांग है कि सरकार कंपनी को का काम पूरी तरह खत्म कर दे. मांग की जा रही है कि राज्य सरकार उन्हें प्रत्यक्ष तौर पर वेतन देने का काम करें. बीच में काम कर रही कंपनी को जड़ से हटाया जाए.
छोटे बच्चों के साथ धरनास्थल पर डटी हैं महिला टीचर्स
हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन का यह धरना प्रदर्शन सोमवार को शुरू हुआ था. इसके बाद संगठन ने इसके अनिश्चितकाल तक चलने की घोषणा की. इस धरना प्रदर्शन में कई महिला टीचर्स अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर पहुंची हुई हैं.
शाम के वक्त रात के वक्त यहां महिलाओं को बच्चों के साथ वक्त गुजारना मुश्किल होता जा रहा है. जैसे-जैसे सर्दियां नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे रात के वक्त तापमान में गिरावट आ रही है. इन्हीं गिरते हुए तापमान के चलते खुले आसमान के नीचे रात बिताना परेशानी से भरा हुआ है.