Shimla Water Issue: बीते दिनों बारिश न होने की वजह से हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर के लोगों को पीने के पानी के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा. लगातार पड़ रही गर्मी की वजह से आलम यह था कि लोगों को चौथे दिन पानी की सप्लाई मिल रही थी. शिमला शहर की बढ़ती हुई जनसंख्या इस ओर साफ इशारा कर रही है कि आने वाले वक्त में पीने के पानी की समस्या और भी ज्यादा गंभीर होती हुई नजर आएगी. इसी समस्या के समाधान के लिए नगर निगम शिमला ने एक अहम कदम उठाया है.
मंगलवार को नगर निगम शिमला की मासिक बैठक हुई. इस मासिक बैठक में खुद शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने ही एक अहम प्रस्ताव लाया. इस प्रस्ताव के तहत शिमला में एक नई पाइपलाइन बिछाने की बात कही गई. इस पाइपलाइन से लोगों को पीने के पानी से इतर अन्य जरूरत के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाएगा. ऐसे में पीने के पानी के लिए अलग पाइपलाइन और रोजमर्रा की जरूरत के लिए इस्तेमाल होने वाले पानी के लिए अलग पाइपलाइन का इस्तेमाल होगा.
इससे शिमला शहर में पानी की बचत होगी. इस पानी की पाइपलाइन को प्राकृतिक चश्मों और बावड़ी से जोड़े जाने की योजना है. मौजूदा वक्त में पीने और अन्य रोजमर्रा की जरूरत को पूरा करने के लिए पीने के स्वच्छ पानी का ही इस्तेमाल हो रहा है.
वित्त आयोग के सामने भी रखी है मांग
शिमला शहर में करीब 120 सार्वजनिक शौचालय भी हैं. यहां भी इसी पानी का इस्तेमाल किया जाता है. नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान के इस प्रस्ताव का सभी ने समर्थन किया और यह प्रस्ताव पारित हो गया. अब इस प्रस्ताव को राज्य सरकार को भेजा जाएगा. शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने सोमवार को यही मांग वित्त आयोग के प्रतिनिधिमंडल के समक्ष भी रखी. उनकी इस मांग को वित्त आयोग ने गंभीरता से सुना और सकारात्मक के साथ विचार करने की बात भी कही.
आने वाले कई सालों की परेशानी होगी खत्म- सुरेंद्र चौहान
शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने एबीपी न्यूज़ के साथ बातचीत के दौरान कहा कि बीते दिनों बारिश न होने की वजह से शहर में पानी की समस्या गहरा गई थी. जिस तरह से शिमला में जनसंख्या बढ़ रही है, उससे आने वाले वक्त में भी इसी तरह पानी की परेशानी बढ़ते रहने की आशंका है. इसी आशंका को देखते हुए यह प्रस्ताव पारित किया गया है.
मेयर सुरेंद्र चौहान का मानना है कि इस पूरे प्रोजेक्ट को पूरा होने में लंबा वक्त तो लगेगा, लेकिन यह आने वाले कई सालों के लिए शिमला शहर की पीने के पानी की समस्या को सुलझा देगा. इससे पीने के पानी की बचत होगी और लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.