Himachal Pradesh Weather Update: हिमाचल प्रदेश में शिमला और उसके आसपास के क्षेत्रों में शुक्रवार (28 जून) को भारी वर्षा हुई. मौसम विभाग ने सप्ताहांत को राज्य के 12 में से सात जिलों में अलग-अलग स्थानों पर 'भारी वर्षा' होने, गरज के साथ बौछारें पड़ने और बिजली गिरने का संकेत देते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. 


मौसम विभाग ने एक और दो जुलाई को अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने, गरज के साथ बौछारें पड़ने, बिजली गिरने को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने प्रदेश में चार जुलाई तक लगातार बारिश होने की संभावना जताई  है. दक्षिण पश्चिम मानसून गुरुवार (27 जून) को हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में पहुंचा.


इस बार हिमाचल प्रदेश में मानसून पांच दिन की देरी से पहुंचा है. विभाग ने शनिवार और रविवार को प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.


मलबा गिरने से यातायात बाधित
अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार को दिन में शिमला में कई स्थानों पर नालों से मलबा सड़क पर गिर पड़ा. इसकी वजह से मलयाना सुराला रोड पर एक नाले के समीप तीन वाहन मलबे में दब गये, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई. 


राज्य आपात अभियान केंद्र के अनुसार, एक अन्य घटना में कांगड़ा में दो सड़कें, किन्नौर और कुल्लू जिलों में एक-एक सड़क वर्षा के बाद यातायात के लिए अवरुद्ध हो गयी. 


जुब्बारहट्टी में हुई सबसे अधिक बारिश
राजधानी शिमला और उसके आसपास के क्षेत्रों में भारी वर्षा हुई है. शिमला में 84 मिलीमीटर और उपनगरीय क्षेत्र जुब्बारहट्टी में 136 मिलीमीटर बारिश हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक, गोहर में 42 मिलीमीटर, माशोबरा में 38 मिलीमीटर, स्लार में 34.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.


इसके अलावा कुफरी और शिलारू में 24.2 मिलीमीटर, सराहन और बर्थिन में 22 मिलीमीटर, घागस में 18.8 मिलीमीटर, कारसोग में 18.2 मिलीमीटर, काहू में 16 मिलीमीटर और पंडोह में 12 मिलीमीटर वर्षा हुई.


बारिश के बाद मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
मौसम विभाग ने तेज हवा और वर्षा से बागानों, बागवानी, खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचने की चेतावनी दी है. इसके साथ भारी बारिश से कमजोर पड़ गये ढांचों और मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचने, यातायात बाधित होने और निचले क्षेत्रों में पानी जमा होने की चेतावनी दी है.


सीएम सुक्खू ने की ये अपील
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला जिले में चोपाल के समीप नेरवा से नुकसान की खबर आने की बात कही है. उन्होंने कहा, "मैं राज्य के लोगों से नदियों और नालों से दूर रहने का अनुरोध करता हूं, क्योंकि बादल फटने के बाद जलस्तर बढ़ता है जो घातक हो सकता है, ऐसे में लोग सावधानी बरतें."


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