Himachal Weather: मौसम विज्ञान केंद्र शिमला हिमाचल प्रदेश के कहा जिलों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है. अगले 48 घंटे इन छह जिलों में बेहद संवेदनशील रहने वाले हैं. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी के लिए अगले 24 से 48 घंटे तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इस बीच लोगों से एहतियात बरतने की अपील की गई है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने लोगों से केवल जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकालने के लिए भी कहा है. इस दौरान विशेष तौर पर बच्चों को घर से बाहर न निकलने और बिजली के खंभों से दूरी बनाने के साथ संवेदनशील इलाकों में न जाने की हिदायत जारी की गई है.


11 जुलाई तक खराब रहेगा मौसम 


शुक्रवार को भी राजधानी शिमला और नाहन में जमकर बादल बरसे. शिमला में 46 मिलीमीटर और नाहन में 35 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, 11 जुलाई तक प्रदेश में मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है. प्रदेश में बारिश की वजह से 168 सड़कों पर आवाजाही ठप है. कई जिलों में आम जनजीवन अस्त हुआ है. बारिश की वजह से हाईवे- 305 शुक्रवार को करीब एक घंटे तक बाधित रही. इसके अलावा हाईवे पर भी जगह-जगह की घटनाएं हुई.


बारिश से 352 करोड़ का नुकसान


हिमाचल प्रदेश में इस साल भी मॉनसून जमकर तबाही मचा रहा है मानसून में हो रही बारिश की वजह से अब तक सरकारी संपत्ति को 352.05 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. वहीं, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 43 लोग अपनी जान भी गवा चुके हैं. मॉनसून के दौरान 79 लोग घायल हुए, जबकि चार अब भी लापता हैं. इसके अलावा 354 पशुओं की भी जान चली गई है. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, 10 पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए जबकि 51 घरों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ है. इसके अलावा बारिश की वजह से 33 पशु घर भी तबाह हुए हैं.


बीते सालों में कितना हुआ था नुकसान?


मानसून के चलते बीते कुछ सालों से प्रदेश सरकार को लगातार करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. साल 2017 में 896.84 करोड़ रुपए , साल 2018 में 1562.78 करोड़ रुपए, साल 2019 में 1079.87 करोड़ रुपए, साल 2020 में 867.21 करोड़ रुपए, साल 2021 में 1151.70 करोड़ रुपए और 2022 में 2509.68 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. इसी तरह बीते छह सालों में 2 हजार 089 लोग और 3 हजार 675 पशु अपनी जान गवा चुके हैं. साल 2017 में 338, साल 2018 में 343, साल 2019 में 218, साल 2020 में 279, साल 2021 में 476 और साल 2022 में 435 लोगों की मौत हुई. इसके अलावा साल 2017 में 199, साल 2018 में 1 हजार 283, साल 2019 में 568, साल 2020 में 181, साल 2021 में 552 और साल 2022 में 980 पशुओं की जान गई.