एक्सप्लोरर
HP Assembly Election 2022: हिमाचल में रहे बागवानी मंत्रियों का दिलचस्प इतिहास, राजनीति से हो जाते हैं रिटायर या हारे चुनाव
Himachal Pradesh Assembly Election 2022: साल 2007 में धूमल सरकार में बागवानी मंत्री रहे नरेंद्र बरागटा साल 2012 का विधानसभा चुनाव हार गए. इसके बाद साल 2017 में जीते भी तो मंत्री पद से महरूम रह गए.
![HP Assembly Election 2022: हिमाचल में रहे बागवानी मंत्रियों का दिलचस्प इतिहास, राजनीति से हो जाते हैं रिटायर या हारे चुनाव HP Assembly Election 2022 History of Horticulture Ministers of Himachal Pradesh Government Vidya Stokes, Narinder Bragta ann HP Assembly Election 2022: हिमाचल में रहे बागवानी मंत्रियों का दिलचस्प इतिहास, राजनीति से हो जाते हैं रिटायर या हारे चुनाव](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/23/e1650bf5a6b3d91fdc6d9841c1b127e01669195505637367_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
(विद्या स्टोक्स)
Himachal Horticulture Minister History: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Election) के नतीजे 8 दिसंबर को आने वाले हैं. इसका सभी को इंतजार है. इस बीच हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के साथ मंत्रियों के इतिहास को भी पलट कर देखा जा रहा है. इतिहास के पन्ने पलटते वक्त यह तथ्य भी सामने आता है कि हिमाचल प्रदेश सरकार में बागवानी मंत्री रहे कद्दावर नेता हाशिए पर चले गए या तो मंत्रियों को दोबारा टिकट नहीं मिला या फिर वे जीत कर भी मंत्री नहीं बन सके.
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में कम ही महिलाओं ने अपना नाम बनाया. इनमें से ही एक कद्दावर महिला नेता हैं विद्या स्टोक्स. स्टोक्स कांग्रेस पार्टी का वह चेहरा रहीं, जो मुख्यमंत्री बनने तक की दावेदार थी. साल 2012 में ठियोग से चुनाव लड़ने वाली विद्या स्टोक्स को वीरभद्र सिंह ने बागवानी मंत्री की जिम्मेदारी दी, लेकिन साल 2017 में उनका नामांकन ही रद्द हो गया.
मंत्रिमंडल से दूर रह गए नरेंद्र बरागटा
साल 2007 में धूमल सरकार में बागवानी मंत्री रहे नरेंद्र बरागटा साल 2012 का विधानसभा चुनाव रोहित ठाकुर से हार गए. इसके बाद साल 2017 में नरेंद्र बरागटा कोटखाई विधानसभा क्षेत्र से जीतकर तो आए, लेकिन वह मंत्री पद से महरूम रह गए. इस बार बरागटा की जगह महेंद्र सिंह ठाकुर को बागवानी मंत्री की जिम्मेदारी दी गई. हालांकि, बाद में समीकरण साधने के लिए सरकार ने उन्हें मुख्य सचेतक बनाकर कैबिनेट मंत्री का रैंक देकर संतुष्ट करने की कोशिश की. साल 2021 में नरेंद्र बरागटा बीमारी की वजह से दुनिया को अलविदा कह गए. अब नरेंद्र बरागटा के बेटे चेतन उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में वे कोटखाई से बीजेपी प्रत्याशी हैं.
महेंद्र सिंह ने चुनावी राजनीति को कहा अलविदा
साल 2017 में जयराम ठाकुर की सरकार में बागवानी मंत्री बने महेंद्र सिंह ठाकुर ने साल 2022 में चुनाव नहीं लड़ा. उनके पीछे हटने के बाद उनके बेटे रजत ठाकुर को बीजेपी ने धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है. हिमाचल विकास कांग्रेस, आजाद प्रत्याशी और फिर बीजेपी से चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचने वाले महेंद्र सिंह को भी बागवानी मंत्री बनने के बाद चुनावी राजनीति को अलविदा कहना पड़ा. हालांकि, महेंद्र सिंह का चुनाव से पीछे हटने का कारण उनके बेटे रजत ठाकुर का राजनीतिक भविष्य रहा.
यह बागवानी मंत्री भी हाशिए पर
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का गढ़ कहे जाने वाले रामपुर से सिंघी राम भी बागवानी मंत्री रहे, लेकिन कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद वह हाशिए पर चले गए और फिर कभी विधानसभा नहीं पहुंच सके. इसी तरह कुल्लू विधानसभा क्षेत्र से सत्य प्रकाश ठाकुर और कुंज लाल बिहारी भी बागवानी मंत्री बनने के बाद राजनीतिक हाशिए पर चले गए. गौरतलब है कि कुंज लाल बिहारी के बेटे गोविंद सिंह ठाकुर मनाली विधानसभा क्षेत्र से विधायक और जयराम सरकार में पहले परिवहन मंत्री और कैबिनेट फेरबदल में शिक्षा मंत्री बने.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, राज्य और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
आईपीएल
महाराष्ट्र
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
ओटीटी
Advertisement
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)