Shimla News :  हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार से रविवार को नेताओं के समर्थक अति उत्साहित नजर आए.राजभवन में रविवार को हुए शपथ समारोह के दौरान समर्थकों में उत्साह इतना था कि समर्थक राज भवन के अंदर जाने के लिए मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के साथ बहस करते नजर आए.राजभवन के अंदर घुसने के लिए समर्थकों की इतनी भीड़ जुट गई कि पुलिस के लिए इन समर्थकों को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया.मौके पर शिमला पुलिस अधीक्षक डॉ.मोनिका भुटूंगरू ने भी भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की.


पुलिस और समर्थकों में धक्का-मुक्की


काफी देर तक समझाने के बाद भी जब समर्थक नहीं माने तो पुलिस को धक्का देकर इन्हें पीछे करना पड़ा. भीड़ इतनी बेकाबू हो गई कि ऐतिहासिक राज भवन की इमारत के कई शीशे तक टूट गए.समर्थकों की भारी भीड़ और अव्यवस्था के आगे शिमला की पुलिस भी बेबस नजर आई. इससे पहले राजभवन में तैनात पुलिसकर्मियों ने भीड़ को मुख्य गेट से अंदर आने दिया.राजभवन में सीमित लोगों के ही बैठने की जगह है.यहां होने वाले कार्यक्रम लघु और गरिमामय होते हैं,लेकिन रविवार को राजभवन में इतनी भीड़ जमा हो गई कि यहां हर जगह अव्यवस्था का आलम देखने के लिए मिला.


नेताओं के साथ भी बड़ी संख्या में अंदर आए समर्थक


इससे पहले शपथ ग्रहण समारोह के लिए मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के साथ अन्य नेता प्रवेश कर रहे थे.उस समय भी कई समर्थक गाड़ियां लेकर मुख्य द्वार खुलने के साथ ही राज भवन के अंदर घुस आए. पुलिस समर्थकों को नियंत्रित करने में पूरी तरह बेबस नजर आई. राहत की बात यह रही कि धक्का-मुक्की और शीशे टूटने पर भी कोई भी हताहत नहीं हुआ.


अपने-अपने नेता को मंत्री बनते देखने के लिए उत्साहित थे समर्थक


हिमाचल प्रदेश में करीब एक महीने के लंबे इंतजार के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ. इस बीच मंत्रियों के समर्थक अपने नेता को मंत्री पद की शपथ लेते हुए देखना चाहते थे.राजभवन में प्रवेश करने के लिए प्रोटोकॉल तय है, लेकिन भारी भीड़ के चलते प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो सका.मौके पर तैनात पुलिसकर्मी इस प्रोटोकॉल का पालन कराने में नाकाम रहे.


विधानसभा सत्र में भी हुई थी अव्यवस्था


हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान भी समर्थकों की भारी भीड़ सदन के अंदर दर्शक दीर्घा में पहुंच गई थी.यहां भी सदन में समर्थकों ने अपने नेताओं के संबोधन के बाद तालियां बजाई और विधानसभा के प्रोटोकॉल का जमकर उल्लंघन किया था. कई समर्थकों ने तो अपने मोबाइल फोन से विधानसभा की कार्यवाही को भी रिकॉर्ड किया था, जो नियमों के खिलाफ है.


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