HP Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इस बीच वीरवार को नालागढ़ में बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले के.एल. ठाकुर की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ मुलाकात की खबरें सामने आई. शुक्रवार को आजाद प्रत्याशी के.एल. ठाकुर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात की खबरों का खंडन किया है. के.एल. ठाकुर ने कहा कि उनकी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ कोई मुलाकात नहीं हुई है.


नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े के.एल. ठाकुर ने कहा कि खुद सरकारी सेवा में रहे हैं. वे जानते हैं कि एक सरकारी अधिकारी और कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद किस तरह का जीवन जीता है. ऐसे में उन्होंने यह तय किया है कि जो पार्टी ओपीएस की बहाली करेगी वह जीत के बाद उसी पार्टी का समर्थन करेंगे. ऐसे में राजनीतिक पंडित यह कयास लगा रहे हैं कि ठाकुर चुनाव जीतने की स्थिति में कांग्रेस के साथ जा सकते हैं, क्योंकि कांग्रेस ने ही अपने प्रतिज्ञा पत्र में ऑफिस बहाली का वादा किया है.


क्यों बागी हुए हैं के. एल. ठाकुर ?
साल 2012 के विधानसभा चुनाव में के.एल. ठाकुर ने पहली बार नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद पार्टी में साल 2017 में उन्हें एक बार फिर मौका दिया, लेकिन वह कांग्रेस के लखविंदर राणा से हार गए. साल 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लखविंदर राणा ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया और बीजेपी ने के.एल. ठाकुर की जगह लखविंदर राणा को ही टिकट थमा दिया. ऐसे में के.एल. ठाकुर ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए और आजाद प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा. वहीं  के.एल. ठाकुर के समर्थन में बीजेपी नालागढ़ मंडल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भी इस्तीफा दिया है. नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है. यहां बीजेपी से लखविंदर राणा, कांग्रेस से हरदीप बावा और बीजेपी बागी के.एल. ठाकुर के बीच दिलचस्प चुनावी जंग है.


'पहले ही मिल गए थे राणा को टिकट देने के संकेत'
22 सितंबर 2022 को ही नालागढ़ में आयोजित एक विशाल रैली जनसभा के दौरान ही लखविंदर राणा को टिकट मिलने के संकेत मिल चुके थे. यहां पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के रोड शो के दौरान उनकी गाड़ी में कांग्रेस से बीजेपी में आए लखविंदर राणा को जगह दी गई. जबकि के.एल. ठाकुर भीड़ में धक्के खाते रहे. इसके बाद जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के संबोधन के दौरान के. एल. ठाकुर ने उनके साथ खड़ा होना चाहा तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उन्हें वहां से हटाकर बैठने के लिए कहा. उस समय पर ही राजनीतिक पंडितों ने यह आंकलन कर लिया था कि नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के.एल. ठाकुर की जगह लखविंदर राणा को मैदान में उतारेगी.


संगठन ने के.एल.ठाकुर के खिलाफ चली चाल?
नालागढ़ से के.एल. ठाकुर के समर्थक मानते हैं कि उनके खिलाफ संगठन के भीतर ही चाल चली गई. संगठन के ही कुछ लोगों ने के.एल. ठाकुर के खिलाफ गलत रिपोर्ट दी. संगठन के ऊंचे पदों पर बैठे अधिकारियों ने सर्वे के खिलाफ जाकर में के. एल. ठाकुर की जगह लखविंदर राणा को टिकट दिया. हालांकि, पार्टी ने हर प्रत्याशी को जिताऊ उम्मीदवार मानकर ही मैदान में उतारा है.