HP News: MC शिमला में जुटे सभी पूर्व मेयर और डिप्टी मेयर, 74वें संवैधानिक संशोधन को लागू करने को लेकर सभी एकमत
MC Shimla Conference: नगर निगम शिमला में सभी पूर्व मेयर और डिप्टी मेयर की कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई. इस कॉन्फ्रेंस में शिमला शहर के विकास को आगे बढ़ने पर सकारात्मक चर्चा हुई है.
Himachal Pradesh: देश के सबसे पुराने नगर निगम में शुमार एमसी शिमला में सोमवार को सभी पूर्व मेयर और डिप्टी मेयर एक मंच पर नजर आए. नगर निगम के मौजूदा महापौर सुरेंद्र चौहान ने पहल करते हुए नगर निगम के पूर्व महापौर और उपमहापौर को एक सम्मेलन का हिस्सा बनने का न्योता दिया. इसमें नगर निगम से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा का आह्वान किया गया था. इस दौरान शिमला नगर निगम की आय के स्रोत बढ़ाने और 74वें संशोधन को लागू करने पर चर्चा सम्मेलन का केंद्रीय मुद्दा रहा.
पूर्व में रहे मेयर और डिप्टी मेयर ने दिए अहम सुझाव
शिमला नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि लगभग सभी पूर्व महापौर और पूर्व उप महापौर ने सम्मेलन में हिस्सा लिया. सम्मेलन के ज़रिए 74वें संशोधन को लागू करने पर चर्चा और नगर निगम के आय के स्रोत बढ़ाने को लेकर पूर्व मेयर और डिप्टी मेयर से सुझाव मांगे गए थे. शिमला महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि सभी पूर्व महापौर और उपमहापौर के निर्धारित एजेंडा पर बहुमूल्य सुझाव आए हैं. सुरेंद्र चौहान ने बताया कि सभी राजनीतिक पार्टी से संबंध रखने वाले पूर्व महापौर और उपमहापौर के सुझावों से नगर निगम के मूलभूत पहलुओं को हल करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि 74वें संवैधानिक संशोधन को लागू करने को लेकर इस कांफ्रेंस में सहमति बनी है.
कई महत्वपूर्ण मसलों पर हुई चर्चा
वहीं, नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए भी कई तरह के सुझाव पूर्व मेयर और डिप्टी मेयर की ओर से दिए गए. इसमें शिमला नगर निगम की संपत्तियों और संसाधनों पर ध्यान देने को लेकर भी सुझाव दिए गए. इसके अलावा शहर में ग्रीन टैक्स लगाने को लेकर भी चर्चा हुई. सभी पूर्व मेयर और डिप्टी मेयर ने अपने-अपने सुझाव दिए. टाउन हॉल से लेकर नगर निगम के अपने सभागार बनाने को लेकर भी गंभीर चर्चा इस कॉन्फ्रेंस में हुई है.
नगर निगम शिमला के इस कदम का स्वागत
वहीं, माकपा से शिमला के महापौर रहे संजय चौहान ने इस पहल की तारीफ की. उन्होंने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में संविधान के 74वें संविधानिक संशोधन को लागू करने को लेकर सहमति बनी है. संजय चौहान ने कहा कि इस संवैधानिक संशोधन में नगर निगम नगर निगम को 18 दायित्व दिए गए हैं, लेकिन प्रदेश में किसी की भी सरकार रही हो. नगर निगम को यह 18 दायित्व नहीं सौंपे गए. इसमें स्वास्थ्य जैसे कई महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं. उन्होंने कहा कि शहर के विकास के लिए यह बेहद जरूरी है. नगर निगम को यह अधिकार मिलने से सभी क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव नजर आएगा.
क्या है 74वां संवैधानिक संशोधन?
74वां संवैधानिक संशोधन अधिनियम के तहत शहरी स्थानीय निकायों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया था. नगरों में स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने व उसे सक्रिय बनाने के लिए 1992 में संविधान का 74वां संवैधानिक संशोधन संसद द्वारा पारित कर एक कानून बनाया गया, जो 1 जून 1993 से लागू हुआ. संजय चौहान ने कहा कि शिमला में नगर निगम की भूमि के अधिग्रहण और इस्तेमाल को लेकर भी चर्चा हुई. पूर्व मेयर संजय चौहान ने कहा कि नगर निगम से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर सार्थक बहस इस सम्मेलन में हुई. उन्होंने सुरेंद्र चौहान के कदम को सकारात्मक पहल बताया है.
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