Himachal News: रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इससे पहले पूरा देश राम धुन में डूबा हुआ नजर आ रहा है. राम धुन के साथ राजनीतिक दलों में सियासत भी बदस्तूर जारी नजर आ रही है. हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सरकार से 22 जनवरी के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग उठाई है. इसे भारतीय जनता पार्टी की प्रेशर पॉलिटिक्स के तौर पर देखा जा रहा है.


क्या बीजेपी के दबाव ने आएंगे CM सुक्खू?


हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा देखने के लिए राम भक्तों में भारी उत्साह है. 500 साल बाद ऐसा शुभ अवसर आया है. इसका साक्षी प्रदेश का हर नागरिक बनना चाहता है, इसलिए सुक्खू सरकार को लोगों की आस्था और श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर देनी चाहिए. दरअसल, कांग्रेस आलाकमान प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने से इनकार कर चुका है. कांग्रेस आलाकमान का आरोप है कि आरएसएस और भाजपा इस कार्यक्रम को राजनीतिक बना रही है.


एक बाद एक हमला साध रही है बीजेपी


कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले के बाद कांग्रेस की राज्य इकाइयों को भी भाजपा के सियासी वार रोकने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. उत्तर भारत में हिमाचल प्रदेश ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां कांग्रेस की सरकार है. ऐसे में भाजपा 98 फीसदी हिंदू आबादी वाले राज्य में कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाने की भरसक कोशिश कर रही है. अब सियासत की यह गेंद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पाले में है. देखना दिलचस्प होगा कि 22 जनवरी के दिन सार्वजनिक अवकाश की मांग को मानते हैं या नहीं.


लोक निर्माण मंत्री को अयोध्या आने का न्योता 


इससे पहले हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह लगातार 22 जनवरी के ऐतिहासिक मौके पर अयोध्या जाने की बात कर रहे थे. विक्रमादित्य सिंह और उनकी मां प्रतिभा सिंह को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता भी मिला है. उन्होंने इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद का भी आभार व्यक्त किया था. हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की.


और फिर बदल गए विक्रमादित्य सिंह के सुर


जैसे ही कांग्रेस आलाकमान ने 22 जनवरी के कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार किया, उसके बाद विक्रमादित्य सिंह के सुर भी बदल गए. विक्रमादित्य सिंह अब अयोध्या जाने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन 22 जनवरी के दिन नहीं. बकौल विक्रमादित्य सिंह हर पल ही शुभ है और वह कभी भी भगवान राम के दर्शन के लिए जा सकते हैं. उनके मुताबिक धर्म और राजनीति एक ही चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए.


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