Himachal News: हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने राज्य सचिवालय में प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर्ज़ के साथ बैठक की. बैठक में परिवहन विभाग का जिम्मा संभाल रहे उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य कर रही है. सरकार प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर्ज़ के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है. उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य में निजी बस संचालकों के लिए 234 रूट और टैम्पो ट्रैवलर्ज़ के लिए 100 से अधिक नए रूट संचालित किए जाएंगे.


बैठक में न्यूनतम किराया बढ़ाने की मांग खारिज


बैठक में निजी बस संचालकों ने लंबे वक्त से चली आ रही मांगों को पूरा करने की बात कही. इसमें पुरानी बसों के परमिट हस्तांतरण और HP- 02 बस के पंजीकरण की मांग की. साथ ही निजी बस ऑपरेटरों ने न्यूनतम किराए में वृद्धि की मांग भी उठाई. निजी बस ऑपरेटर होने सरकार से न्यूनतम किराया 12 रुपए से 15 रुपए तक करने की मांग की. बता दें कि मौजूदा वक्त में न्यूनतम किराया 5 रुपए है. इन मांगों पर विस्तृत चर्चा के बाद उप मुख्यमंत्री ने विचार कर फैसला लेने की बात कही है. हालांकि न्यूनतम किराए को लेकर सरकार की ओर से फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया जाएगा, क्योंकि ऐसे फैसले प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में ही होते हैं.


ई-बसों की खरीद को बढ़ावा दे रही सरकार


इस बैठक के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए राज्य में निजी एवं सरकारी क्षेत्रों के सहयोग से ई-वाहनों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. प्रदेश सरकार ई-बसों, ई-ट्रकों और ई-टैक्सी की खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है. उन्होंने सरकार की इस मुहिम में निजी बस ऑपरेटरों को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान भी किया. सरकार की ओर से 26 सड़क मार्गों पर ई-बसों के संचालन की अनुमति जल्द दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इन बसों के लिए चार्जिंग सुविधा भी प्रदान की जाएगी.


क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के स्तर पर नियमित बैठकों का फैसला


उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि निजी बस ऑपरेटर्ज़ की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में नियमों के अनुरूप रूट परमिट दिए जायेंगे और टैक्सियों के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा रूट परमिट जारी किए जायेंगे. आरटीओ स्तर पर स्थानीय निजी बस ऑपरेटर्स के साथ नियमित तौर पर बैठकें होंगी. उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश में अनाधिकृत रूप से गाड़ियों के संचालन पर रोक लगाने के निर्देश दिए, ताकि इससे प्रदेश के राजस्व को होने वाली हानि को रोका जा सके.


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